ऋषिकेश, लोहड़ी और मकर संक्रांति के बाद मौसम ने यू-टर्न ले लिया है। सुबह आठ बजे सूर्यदेव निकले और उनकी किरणों ने धरती पर अपनी चमक बिखेरी तो एकाएक सर्दी शरमा गई। दिन के समय ऐसा लगने लगा, मानो सर्दी गायब हो गई। पिछले कई दिनों से कड़ाके की ठंड से परेशान लोगों को सुबह से निकली धूप ने राहत दी।
तीर्थ नगरी में मौसम के बदलते मिजाज से सोमवार को पौराणिक मान्यताएं सच साबित होती दिखी। लोहड़ी और मकर सक्रांति का पर्व के एक दिन बाद ही ऋतु परिवर्तन की आहट लोगों को लगने लगी है। कड़ाके की ठंड और कोहरे से पिछले कई दिन से आम जनजीवन प्रभावित हो रहा था।सोमवार को सुबह से खिली धूप से लोगों को काफी राहत मिली और लोग समय से अपने काम पर निकले। घरों में महिलाओं ने अपना काम निपटाया और उसके बाद वह छत पर ही बैठी नजर आईं।
शहरी क्षेत्र से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में भी धूप निकलने से किसानों ने जमकर खेती का काम किया। एम्स हॉस्पिटल सहित ऋषिकेश के राजकीय चिकित्सालय में वार्ड में ठंड से परेशान मरीज भी धूप देखकर बाहर निकल आए। वह अस्पताल परिसर में धूप में बैठे रहे। ठंड से पशु-पक्षियों ने भी राहत की सांस मिली है।