नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में सेना द्वारा मारे गए 42 मामलों में एफआईआर दर्ज करने में देर करने पर सीबीआई को फटकार लगाई है। आज इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने सीबीआई की एसआईटी को निर्देश दिया कि बाकी 30 मामलों की एफआईआर 31 जनवरी तक करें। इस मामले में एसआईटी ने अब तक मात्र 12 एफआईआर ही दर्ज किया है।
पिछले 8 जनवरी को एफआईआर दर्ज करने में धीमी रफ्तार अपनाते जाने पर सीबीआई और एसआईटी की आलोचना की थी। जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अब तक मात्र 12 एफआईआर ही दर्ज हुए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 14 जुलाई को सेना को एक बड़ा झटका देते हुए मणिपुर में सेना द्वारा मारे गए 62 मामलों की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि वो जनवरी 2018 तक जांच की प्रगति रिपोर्ट कोर्ट को सौंपे। कोर्ट ने सीबीआई को जांच के लिए टीम का गठन करने का आदेश दिया था।
केंद्र सरकार ने पिछले साल 12 अप्रैल को मणिपुर में सेना द्वारा मारे गए लोगों के मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले में संशोधन करने के लिए क्युरेटिव पिटीशन दायर किया था। केंद्र का कहना था कि ये राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ मसला है और इस फैसले से जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के हिस्सों में सेना का रोज ब रोज का काम प्रभावित हो रहा है।
8 जुलाई 2016 को मणिपुर में 2010 से 2012 के बीच सेना के जवानों द्वारा मारे गए लोगों के मामले पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सेना किसी के साथ बदले की भावना के तहत कार्रवाई नहीं कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान मारे गए करीब डेढ़ हजार लोगों की मौत की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट के तहत सेना ने वर्ष 2010 से वर्ष 2012 के बीच करीब डेढ़ हजार से ज्यादा एनकाउंटर किए। इसी की जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।