ऋषिकेश, गीता आश्रम इंटरनेशनल ट्स्ट के योगीराज स्वामी शांतानंद सरस्वती की पुण्यतिथि के अवसर पर संतों ने उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करने के उपरांत गौ-गंगा-गायत्री की रक्षा का संकल्प लिया।
सोमवार को गीता आश्रम में आयोजित ब्रह्मलीन स्वामी योगीराज स्वामी शांतानंद की पुण्यतिथि आश्रम के महंत स्वामी स्वधर्मानंद की अध्यक्षता में आयोजित संतों ने अपने संबोधन में कहा कि आज गो-गंगा-गायत्री की रक्षा करना अत्यंत आवश्यक हो गया है। हालांकि केंद्र सरकार नमामि गंगे योजना के तहत गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाए जाने के लिए संकल्पित है लेकिन बिना जन सहयोग के गंगा स्वच्छ नहीं हो सकती जिसमें संतों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
स्वामी शांतानंद ने कहा कि वह अपने धर्म प्रचार के दौरान गंगा की स्वच्छता के लिए लोगों को जागरुक करें, इसी के साथ गायों की रक्षा के लिए भी संतों को एक बार फिर सजग रहने की आवश्यकता है। क्योंकि आज भी जगह-जगह खुले कत्लखानो में हजारों पशुओं की निर्मम हत्या की जा रही है। जिन्हें बचाया जाना अत्यंत आवश्यक हो गया है नहीं तो एक दिन ऐसा आएगा, कि हम अपनी संतान को गाय के दूध के लिए भी तरस जाएंगे।
इसी के साथ संतों ने अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनाए जाने की बात भी कही। स्वधर्मानंद ने अपने संबोधन में कहा कि आश्रम के संस्थापक ब्रह्मलीन स्वामी वेदब्यासानंद ने भारत ही नहीं विश्व में गीता के प्रचार-प्रसार में बहुत ही योगदान दिया है। उन्हीं से प्रेरणा लेकर योगीराज स्वामी शांतानंद सरस्वती ने भी उनके पद चिन्हों पर चलकर गीता के प्रचार प्रसार पर जोर दिया है। इसी के अनुरूप आज भी गीता के प्रचार-प्रसार में गीता आश्रम पूरे तन मन से लगा है।