मुर्दों का बीमा करने वाले पहुंचे हवालात

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File Photo

उधमसिंहनगर ,क्या कभी मुर्दे भी जिन्दा हो सकते है? क्या मुर्दे सरकारी दफ्तरों में जाकर खुद के जिन्दा होने के प्रमाण पत्र बना सकते हैं या ये कहें कि मुर्दों का भी बिमा हो सकता है? शायद ये सुनने में आपको भी अटपटा लगे, मगर जनपद उधमसिंहनगर के जसपुर में सब कुछ सम्भव है यहां ये सब कुछ हुआ है, वो भी सरकारी मुलाजिमों की मिलीभगत से, और मुर्दों का लाखों का बिमा कराकर मुर्दे फिर से जमींदोज हो गये और लाखों रुपये इस गैंग ने आपस में बांट कर जमकर एश उडाई, जिसका भाण्डा आखिर कार फूट गया और सबकुछ सामने आ गया।

मुर्दे जिन्दा हो गये बिमा कराने के लिए और फिर बीमे की रकम लेने के लिए कुछ ही महिनों में मुर्दे जमींदोज हो गये, जो बीमे की रकम मुर्दों के जिन्दा होने पर लगाई गयी उनके मरने पर मिल बांट कर सभी ने ठिकाने लगा दी, जी हां मुर्दों का बिमा।ये कारनामा किया है एक शातिर गैंग ने जिसने लाखों रुपयों का खेल खेला मुर्दों पर।
उधमसिंह नगर जिले में सब कुछ सम्भव है, कागजों का खेल इस कदर भी हो सकता है ये शायद किसी ने सोचा भी ना होगा, सरकारी दफ्तरों में कागजों का पेट भरने के लिए कुछ एसे प्रमाण पत्र बना दिये गये जिसमे मुर्दे को पहले तो जिन्दा दिखाया गया फिर उसके नाम पर लाखों का बिमा किया गया, यही नहीं फर्जीवाडा करने वालों ने कुछ माह तक बिमें की रकम भी अदा की, फिर उसी मुर्दे को मरा हुआ बताकर बिमें की रकम हडप ली।
ये खेल लम्बे समय से जिले के जसपुर क्षेत्र में चल रहा था, बिमे की रकम के बंदरबांट के इस खेल में परिवार के लोगों को भी शामिल किया जाता था, जिसका हिस्सा उनको भी दिया जाता था, मगर जिनको हिस्सा कम मिला उन्होने इसकी शिकायत पुलिस को की, वहीं जसपुर पुलिस ने अब तक दर्जन भर बिमा एजेन्टों को फर्जीवाडे में गिरप्तार कर लिया है, वहीं तहसील के कुछ कर्मचारियों को भी फर्जी प्रमाण पत्र बनाने पर गिरफ्तार कर दिया गया है, जबकि इस खेल का मास्टर माइऩ्ड पुलसि के अब हत्थे चढा है।
वहीं उच्च अधिकारियों के सामने पुरा मामला आने से सभी चकित थे, पुलिस ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए इसकी जांच एसआईटी को सौंप दी थी, जिसमें एसआईटी को मास्टर माइऩ्ड की लम्बे समय से तलाश थी, आखिर पुलिस ने सर्गना को गिरफ्तार कर कई अहम सुराग भी फर्जी बिमा के मास्टर माइन्ड से उगलवाये है।
जुर्म के रास्ते कितने ही मखमली क्यों ना हो मगर खत्म जेल की कोठरी में ही होते है, मुर्दों को जिन्दा बताकर उनके फिर से मरने पर लाखों रुपये का केल खेलने वालों ने भी ये कभी सोचा भी ना होगा कि उनका ये खेल कभी जनता के सामने आयेगा, मगर जब उनके इस खेॆल से पर्दा उठा तो वो सभी बेनकाब हो गये जो मुर्दों के बिमे की रकम में सामिल थे, फर्जी बिमे के इस खेल के मास्टर माइन्ड सहित दर्जनों लोग अब हवालात में है, और जो रह गये थे पुलिस ने उनको भी जेल भेज दिया है।