अल्प संख्यकों की शिक्षा को किए जाएं मजबूत प्रबंधः सीएस

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देहरादून। अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों के लिए शिक्षा अवसरों को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत बाल विकास सेवाओं की समुचित उपलब्धता, विद्यालयी शिक्षा में सुधार, उर्दू शिक्षण के लिए अधिक संसाधन, मदरसा शिक्षा का आधुनिकीकरण, मेधावी विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति और मौलाना आजाद फाउंडेशन के माध्यम से शैक्षिक सुधार को गति प्रदान की जाए। मुख्य सचिव ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए।

शुक्रवार को मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सचिवालय में अल्पसंख्यक कल्याण योजनाओं की समीक्षा की। निर्देश दिए कि आर्थिक क्रियाकलापों और रोजगार में समुचित हिस्सेदारी के लिए स्वरोजगार योजना, तकनीकी प्रशिक्षण के माध्यम से कौशल उन्नयन, आर्थिक क्रियाकलापों के लिए अभिवृद्धि ऋण सहायता पर जोर दिया जाए। अल्पसंख्यको के जीवन स्तर में सुधार के लिए ग्रामीण आवास योजना और मलिन बस्तियों में सुधार कार्यक्रम शामिल हैं। उन्होंने कहा कि साम्प्रदायिक घटनाओं की रोकथाम, साम्प्रदायिक अपराधों का अभियोजन और दंगा पीड़ितों के पुनर्वास की व्यवस्था कार्यक्रम में शामिल हैं। उत्तराखण्ड में कोई भी साम्प्रदायिक दंगे नहीं हुए है।
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2017-18 के लिए भारत सरकार ने 14.50 करोड़ रुपये स्वीकृत किये हैं। राज्य सरकार ने इतने ही धन की व्यवस्था की है। इससे 14.15 करोड़ रुपये के 29 निर्माण कार्य कराये जाने हैं। बताया गया कि समेकित बाल विकास योजना से 282362 लोगों, मध्यान्ह्न भोजन से 752532 लोगों, मदरसों के 42294 छात्रों, 19732 छात्रों को छात्रवृत्ति, 395 छात्रों को मेरिट कम मीन्स छात्रवृति देकर लाभान्वित किया जाना है। बैठक में प्रमुख सचिव वित्त राधा रतूड़ी, एडीजी अशोक कुमार, सचिव पेयजल अरविंद सिंह ह्यांकी, महानिदेशक शिक्षा कैप्टन आलोक शेखर तिवारी, जिलाधिकारी देहरादून एसए मुरुगेशन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।