तो ये हैं त्रिपुरा में भाजपा की जीत के चार चेहरे, शाह ने दी बधाई

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(नई दिल्ली) भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने त्रिपुरा में पार्टी के शानदार और ऐतिहासिक प्रदर्शन पर राज्य की जनता का हार्दिक आभार व्यक्त किया है। भाजपा अध्यक्ष ने एक-एक कर दो ट्वीट में कार्यकर्ताओं और नेतृत्व को भी बधाई दी है।
अपने पहले ट्वीट में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने लिखा कि मैं त्रिपुरा के भाइयों और बहनों का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने इतना जबरदस्त समर्थन दिया। उन्होंने इसे नरेन्द्र मोदी सरकार की विकासपरक नीतियों की जीत बताने के साथ ही नरेन्द्र मोदी के पूर्वोत्तर राज्य के विकास पर विशेष ध्यान देने का परिणाम बताया।
अगले ही ट्वीट में भाजपा अध्यक्ष ने त्रिपुरा की जीत के लिए कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। अमित शाह ने लिखा कि त्रिपुरा ईकाई के भाजपा कार्यकर्ताओं के समर्पण और मेहनत से ही यह ऐतिहासिक जीत दर्ज की जा सकी है। इसके लिए मैं राम माधव, सुनील देवधर, हेमंत विश्वशर्मा और विप्लव देव का अभिनंदन करता हूं।
उल्लेखनीय है कि भाजपा महासचिव राम माधव पूर्वोत्तर राज्यों के प्रभारी भी हैं। पूर्वोत्तर राज्यों का प्रभारी बनाए जाने के बाद उन्होंने असम के बाद मणिपुर में भाजपा सरकार बनाने में प्रमुख भूमिका निभाई। असम के लोकप्रिय नेता हेमंत विश्वशर्मा उपाख्य हिमंता ने भाजपा में शामिल होने के बाद राज्य में सरकार बनाने में प्रमुख भूमिका निभाई। वर्तमान में असम के वित्त मंत्री होने के साथ ही वे भाजपा की नार्थ-ईस्ट फोरम के प्रमुख हैं।
त्रिपुरा में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सफाए और भाजपा की सरकार बनाने में सुनील देवधर की प्रमुख भूमिका मानी जा रही है। मूलतः महाराष्ट्र के रहने वाले सुनील देवधर राज्य में भाजपा के प्रभारी हैं। सामान्य तौर पर राज्य प्रभारियों का काम कभी कभार राज्य का दौरा कर कार्यकर्ताओं में जोश भरना और पार्टी संगठन के काम की देखरेख करना होता है पर सुनील देवधर राज्य में पूरी तरह से नगण्य जैसे पार्टी संगठन को देख वहीं डेरा डाल दिया। वे पिछले 3 सालों से अधिकांश समय त्रिपुरा में ही रहकर संगठन को मजबूत करने का काम कर रहे थे।
विप्लव देव त्रिपुरा की राजनीति में सक्रिय रहे थे। पर माकपा के सामने भविष्य न देख पिछले कुछ समय से दिल्ली में ही रह रहे थे। भाजपा ने उनकी साफ सुथरी छवि देख प्रदेश का अध्यक्ष बनाया। विप्लव देव ने भी उसके बाद खासी मेहनत की। लोगों ने माणिक सरकार के मुकाबले अपेक्षाकृत युवा और साफ सुथरी छवि वाले विप्लव देव को पसंद किया।