Women’s Day Special: तस्वीरों के जरिए अपना हूनर दिखाती,दिव्या नेगी

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“चाहें जुबान फीकी पड़ जाए, पर तस्वीरें बोलती हैं”

इंटरनेशनल वूमेन डे को मनाने के लिए न्यूजपोस्ट ने कोशिश की आप तक उन लोगों को पहुचानें की जो वैसे तो अपने काम में परफेक्ट है लेकिन अभी लोगों तक नहीं पहुंच पाएं हैं। ऐसी ही हमारी अगली कहानी है दिव्या नेगी की जो एक प्रोफेशनल फोटोग्राफर है।

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दिव्या नेगी एक प्रोफेशनल फोटोग्राफर हैं जो वेडिंग शूट के अलावा नेचर फोटोग्राफी करती है।दिव्या ने एच.एन.बी गढ़वाल यूनिर्वसिटी से एमबीए टूरिज्म किया हैं।घूमने के साथ-साथ दिव्या फोटोग्राफी करना पसंद करती हैं।पिछले दो साल से वेडिंग फोटोग्राफी करने वाली दिव्या पहाड़ की लड़कियों के लिए एक मिसाल हैं।

दिव्या से हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि पिछले दो साल में उन्होंने कई वेडिंग शूट किए हैं और एक पुरुष फोटोग्राफर के मुकाबले वुमेन फोटोग्राफर के साथ चीजें आसान हो जाती है।अपने परिवार के बारे में बात करते हुए दिव्या कहती हैं कि इस प्रोफेशन में आने के लिए मेरे परिवार ने मुझे हमेशा सपोर्ट किया है शायद तभी आज मेैं एक फोटोग्राफर की तरह काम कर रही हूं।

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दिव्या ने बताया कि एक लड़की का फोटोग्राफी मेट्रोपोलिटन शहरों में आम बात है लेकिन हमारे राज्य उत्तराखंड में यह बड़ी बात हैं क्योंकि यहां लोगों की मानसिकता है कि अपने बच्चों को क्रिएटिव से ज्यादा पढ़ाई वाले क्षेत्र में आगे बढ़ाना है।यहां लोगों को झुकाव बच्चों को पढ़ाने में होता है बिना यह समझे कि बच्चा क्या चाहता है।

अब तक किए हुए वेडिंग शूट के अनुभवों के बारे में बात करते हुए बताती हैं कि शुरु में मुझे थोड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा लेकिन समय के साथ चीजें बेहतर हो गई।अब ऐसा होता हे कि किसी शादी में फोटो शूट करने जाओ तो लोग बहुत सम्मान की नज़र से देखते हैं और एक लड़की फोटोग्राफर के साथ वेडिंग में दुल्हन भी ज्यादा सहज़ महसूस करती हैं।

दिव्या को सफर करना पसंद हैं और सफर के दौरान वह कैंडिड फोटो शूट करना पसंद करती हैं। दिव्या से यह पुछने पर कि क्या उन्हें कभी ऐसा लगा कि यह एक जेंडर स्पेसिफिक काम है,इसपर दिव्या ने कहा कि दुनिया में कोई भी काम ऐसा नहीं होता जो जेंडर स्पेसिफिक हो,और फोटोग्राफी तो एक कला है जो किसी के अंदर भी हो सकती है चाहें वह लड़का हो या लड़की।

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दिव्या अभी लाईफस्टाईल,र्पोट्रेट,एड शूट और वेडिंग फोटोग्राफी में काम कर रही और आगे भी इसके साथ ही काम करने की सोच रखती हैं।दिव्या बताती हैं कि इस समय निकोन स्कूल ऑफ फोटोग्राफी में सीखने वाले स्टूडेंट में लड़कियों की संख्या ज्यादा है इससे अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि इस वक्त देश में कितनी वुमेन फोटोग्राफर हैं।

अंत में दिव्या कहती हैं कि मैं उन सभी लड़कियों से एक बात कहना चाहती हूं जो फोटोग्राफी में रुचि रखती हैं कि यह एक ऐसी कला है जो हर किसी के पास नहीं होती और आजकल के दौर में लड़कियों के लिए इसमें बेहतर स्कोप है,तो अगर आप भी इसको करियर की तरह जारी रखना चाहती हैं तो यह सही विकल्प है।