ट्रेफिक नियमों के उल्लंघन करने वालों मे खत्म हुआ खाकी का खौफ

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ऋषिकेश। तीर्थ नगरी मे यातायात के नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। वहीं जिम्मेदार मौन हैं। कार्रवाई के नाम पर जांच अभियान चलाकर खानापूर्ति की जा रही है। आलम यह है कि शहर में ही एक बाइक पर तीन से चार सवारियां तक देखने को मिल रहे हैं। यातायात नियमों का पालन नहीं करने के कारण आए दिन सड़क हादसों में लोगों की जानें जा रही हैं। बिना हेलमेट पहने तेज रफ्तार बाइक चलाने का शौक ही युवाओं के लिए काल बनता जा रहा है। पिछले एक महीने में सड़क हादसों में दर्जनों लोगों की मौत हो गई। वहीं अनेको लोग घायल भी हुए हैं। लेकिन इसके बावजूद हम नही सुधरेंगे की पंक्तियों को चरितार्थ कर युवा वाहनों को शहर की सड़कों पर सरपट दौड़ाकर न सिर्फ अपनी बल्कि दूसरों की जिंदगी पर भी खतरों मे डालने पर आमदा हैं। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष चेतन शर्मा का कहना है कि पुलिस को चलाना चाहिए विशेष अभियान। चौराहों पर वाहनों की जांच के दौरान उन्हें सीज करना, चालान काटना और जुर्माना लगाना यह सब खानापूर्ति तक सिमट कर रह गया है। इसके लिए पुलिस को विशेष अभियान चलाने की आवश्यकता है। बड़े शहरों की पुलिस की तर्ज पर गांधीगीरी आदि का सहारा लेना चाहिए। पुलिस क्षेत्राधिकारी वीरेंद्र सिंह रावत काला था कि इस संबंध में अभिभावकों को भी देना होगा ध्यान। कम उम्र में बच्चों को बाइक चलाने की अनुमति देना अभिभावकों के लिए ही कभी-कभी जीवन भर का अभिशाप बन जाता है। बच्चों की खुशी के लिए ऐसा करने वालों को एकबारगी गौर से सोचना चाहिए। इससे बड़ी संख्या में हो रहे हादसों पर रोक लगाई जा सकती है। जिसके लिए पुलिस की समय-समय पर चेकिंग अभियान चलाती रही है