निकायों की सीमा विस्तार मामले में हाईकोर्ट ने भाजपा सरकार को झटका देते हुए हाई कोर्ट ने निकायों में गांवों को मिलाने से संबंधित नोटिफिकेशन निरस्त कर दिया। साथ ही नया नोटिफिकेशन जारी कर गांवों को सुनवाई का मौका देने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि सरकार ने अधिसूचना जारी कर राज्य के कई गांवों का परिसीमन कर उनको नगर पालिका और नगर निगम में शामिल कर दिया था। इस मामले में हाई कोर्ट में याचिका दायर करने वाले ग्रामीण जनप्रतिनिधियों का कहना था कि ग्राम प्रधानो पर बस्ते जमा करने का दबाब भी डाला जा रहा है। पहले भी कोर्ट ने इस सम्बंध में सरकार से यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे। इन याचिकाओं में भवाली के संजय जोशी, हल्द्वानी के भोला दत्त भट्ट, ग्राम पंचायत बाबूगढ़ संघर्ष समिति कोटद्वार, पिथौरागढ़ के दौला बस्ते नेडा धनोरा, टिहरी और चम्बा समेत दर्जन से अधिक ग्रामीणों ने सरकार के आदेश को कोर्ट में चुनौती दी।
याचिका में कहा गया कि सरकार ने बिना सुनवाई के ही गांवों को निकायों में शामिल कर दिया। साथ ही याचिका में कहा गया है कि इसमें नियमों का पालन नहीं किया गया। लगभग 39 गांवों ने हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर की है।