ऋषिकेश। राज्यसभा, सांसद संसदीय स्थायी समिति, उद्योग विभाग, श्री के सी त्यागी जी अपने परिवार के साथ तथा दिल्ली की राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल परमार्थ निकेतन पहुंचे। उन्होने परमार्थ गंगा तट पर होने वाली विश्व विख्यात माँ गंगा की आरती में सहभाग किया।
मालीवाल जी से विभिन्न सामाजिक एवं पर्यावरण सम्बंधी विषयों पर विश्द चर्चा की साथ ही महिला सशक्तिकरण, दहेज प्रथा, बाल विवाह, बिहार प्रांत में स्वच्छता और शौचालय के प्रति लोगों को जागरूक करने, युवाओं के लिये कौशल विकास कार्यक्रम एवं युवाओं की चिंतन शैली को सकारात्मक दिशा देने हेतु कार्यशालाओं के आयोजन पर चर्चा हुई जिससे महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध को कम किया जा सके। स्वामी जी महाराज ने महिलाओं एवं युवाओं को पर्यावरण संरक्षण से जोड़ने तथा बिहार एंव उत्तरप्रदेश प्रांतों के लिये स्वच्छता, स्वच्छ जल एवं इन राज्यांे को खुले में शौच से मुक्त बनाने को लेकर भी विस्तृत चर्चा की। स्वामी जी महाराज ने हाल ही में सम्पन्न हुये गंगा शिखर सम्मेलन की सफलता के बारे में भी उन्हे अवगत कराया।
जीवा की टीम द्वारा विगत पांच माह से बिहार में चलाये जा रहे स्वच्छता अभियान और राजमिस्त्रियों को दिया जा रहा तकनीकी प्रशिक्षण के विषय में भी जानकारी दी और बताया कि इस अभियान द्वारा अधिक से अधिक संख्या में शौचालय निर्माण कर पूरे राज्य को जल्दी से जल्दी खुले में शौच मुक्त करने में सहायता मिलेगी।
सांसद श्री के सी त्यागी जी ने कहा, ’पूज्य स्वामी जी महाराज के सान्निध्य में माँ गंगा की आरती करने का सौभाग्य मिला यह अविस्मरणीय एवं अद्भुत अनुभव था, मैं इसे शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता। गंगा मैया के चरणों में बार-बार आने की मेरी इच्छा है। वे परमार्थ आश्रम की गतिविधियों को देखकर अत्यंत प्रभावित हुये और कहा कि स्वामी जी महाराज के संचालन में जो विश्व स्तरीय कार्य सम्पन्न हो रहे है यह सब महाराज जी का अद्भुत लीला का प्रताप है; यह उनकी लीला की झलक है। उन्होने आश्रम में बड़ी संख्या मंे विदेशी भक्तों और सैलानियों को देखकर कहा कि स्वामी जी महाराज ने वैश्विक स्तर पर योग, भारतीय अध्यात्म एवं दर्शन को प्रतिष्ठत किया है यह उसी का उदाहरण है।’
परमार्थ निकतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा, महिलायें समाज का स्तम्भ है फिर भी भारत सहित दुनिया के कई हिस्सों में उनकी भूमिका को नजरअंदाज किया जाता है तथा महिलाओें को उत्पीड़न का शिकार होना पड़ता है इसके पीछे कहीं न कहीं समाज की नकारात्मक सोच और लिंग भेद मुख्य समस्यायंें है। उन्होने कहा कि महिलाओं के उत्थान और सशक्तिकर संकल्प