सैनिक परिवारों के बच्चों के लिए छात्रावास स्थापित

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देहरादून। उत्तराखंड सैन्य बहुल राज्य है। सैनिक परिवारों के बच्चों को पढ़ाई के लिए देहरादून में आवासीय समस्या न हो इसके लिए छात्रावास स्थापित किया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने छात्रावास के शुभारंभ के मौके पर कहा कि इस छात्रावास से सैनिक परिवारों के बच्चों को खासा लाभ मिलेगा।
रविवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद मेजर जनरल(से.नि.) भुवन चन्द्र खण्डूड़ी एवं आर्मी चीफ बिपिन रावत के साथ सहस्त्रधारा रोड स्थित डांडा लखौण्ड में गढ़वाल राईफल्स के वार मेमोरियल ब्वॉयज एवं गर्ल्स छात्रावास का उद्घाटन किया। इस छात्रावास में कुल 250 छात्र-छात्राएं रह सकते हैं। जिसमें से 125 छात्रों एवं 125 छात्राओं के लिए रहने की व्यवस्था है। छात्रावास में भोजन, छात्र-छात्राओं को स्कूल जाने के लिए बस की सुविधा, चिकित्सा सुविधा, पुस्तकालय, ट्यूशन की सुविधाएं, ऑडियो-वीडियो रूम, व्यावसायिक परिक्षाओं के लिए कोचिंग सुविधा प्रदान की जाएगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस छात्रावास के बनने से हमारे सैनिक परिवारों के बच्चों को पढ़ाई के लिए अच्छी सुविधाएं एवं अच्छा वातावरण मिलेगा। प्रदेश के दूर-दराज के क्षेत्रों से आकर बच्चे यहां पर आकर शिक्षा ग्रहण करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि सेना तैयार हो जाती है, तो हल्द्वानी में भी सैनिक आश्रितों के लिए छात्रावास बनाने की योजना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सीमित संसाधन होने के बाबजूद भी अपने सैनिको एवं सैन्य परिवारों के लिए हर सम्भव मदद करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि सैनिक स्कूल घोड़ाखाल की स्थिति को सुधारने के लिए स्कूल को दी जाने वाली ग्रान्ट को 03 करोड़ से बढा़कर 05 करोड़ किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में पलायन एक गम्भीर समस्या है। दूरस्थ क्षेत्रों से किस तरह पलायन रोका जा सके इसके लिए हमें प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि सभी 670 न्याय पंचायतों को ग्रोथ सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में जो पोष्टिक आहार दिया जाता है, उसको राष्ट्रीय स्तर पर काफी प्रसिद्धि मिली है। इस पोष्टिक आहार में सभी स्थानीय उत्पादों कोदा, झंगोरा, चोलई, कुटू आदि का प्रयोग किया गया है। इनकी पैदावार को और अधिक बढ़ाकर तथा ब्राडिंग कर बेचने पर अच्छी इनकम की जा सकती है। उन्होंने कहा कि चमोली जनपद के घेस गांव में मटर की खेती के लिए कृषकों को प्रोत्साहित किया गया। मटर की अच्छी पैदावार से गांव के लोगों को अच्छी इनकम हुई है। घेस गांव को डिजिटल गांव बनाया गया है। गांव को टेलीमेडिसिन से जोड़ने के लिए अपोलो अस्पताल से जोड़ा गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने छात्रावास परिसर में वृक्षारोपण भी किया।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद मेजर जनरल(से.नि) भुवन चन्द्र खण्डूड़ी ने कहा कि सैनिक आश्रितों की सुविधा के लिए यह एक सराहनीय कार्य हुआ है। छात्र-छात्राएं, इस छात्रावास में रहकर अच्छी शिक्षा ग्रहण करेंगे तथा सैन्य एवं अन्य क्षेत्रों में अच्छे पदों पर आगे बढ़ेंगे।
आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि चैत्र माह के नवरात्रि के दिन गढ़वाल राईफल्स के वार मेमोरियल छात्रावास का उद्घाटन एक शुभ प्रतीक है। उन्होंने कहा कि इस छात्रावास के बनने से सेना मेडल जवानों एवं फौज में तैनात जवानों को बच्चों की परवरिश के लिए अधिक भटकना नहीं पड़ेगा। उन्होंने इस हॉस्टल के निर्माण में सहयोग के लिए उत्तराखण्ड सरकार, विभिन्न संस्थाओं का अभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हॉस्टल में छात्र-छात्राओं को अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे वे आर्मी एवं अन्य संस्थानों में नौकरी करने के लिए अच्छी पढ़ाई कर सकें। विधायक गणेश जोशी ने कहा कि राज्य सरकार सैनिकों व उनके आश्रितों की हर सम्भव मदद के लिये तैयार है। उन्होंने अपनी विधायक निधि से छात्रावास के लिए 50 लाख रुपये देने की बात कही। लेफ्टिनेंट जनरल सरतचन्द ने कहा कि इस छात्रावास के लिए उत्तराखण्ड सरकार द्वारा 4.18 एकड़ भूमि एवं 2 करोड़ 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी गई। इसके अलावा विभिन्न संगठनों एवं कम्पनियों द्वारा भी योगदान दिया गया