ऋषिकेश, नरेन्द्रनगर राजमहल से 7 अप्रैल को प्रात:काल भगवान बदरीनाथ विशाल के महाभिषेक के लिये जानेवाली गाडू घड़ी (तेलकलश) यात्रा का शुभारंभ हो जायेगा। इसी दिन गाडूघड़ी यात्रा शायंकाल को श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के ऋषिकेश स्थित चेला चेतराम धर्मशाला रात्रि प्रवास को पहुंचेगी, 8 अप्रैल को यात्रा मुनकीरेती ( ऋषिकेश)प्रवास करेगी। उल्लेखनीय है कि राजमहल में पिरोये गये तिलों के तेल के कलश से भगवान बदरीविशाल का प्रात:कालीन महाभिषेक,अभिषेक श्रृंगार किया जाता है।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि, “इस यात्रा काल में बदरीनाथ धाम के कपाट 30 अप्रैल सोमवार को प्रात:4 बजकर 30 मिनट पर दर्शनार्थ खुल रहे हैं।”
इसी परिप्रेक्ष्य में गाडू घड़ा ( तेलकलश) यात्रा के कार्यक्रमानुसार शनिवार 7 अप्रैल सुबह को श्री डिमरी केन्द्रीय धार्मिक पंचायत के प्रतिनिधिगण गाडू घड़ी लेने नरेन्द्र नगर स्थित टिहरी राज दरबार पहुंचेगे। जहां महारानी मालाराज्य लक्ष्मी शाह की अगुआई में परंपरागत रुप से पीतांबर वस्त्र धारणकर सुहागिन महिलाओं द्वारा तिलों का तेल पिरोया जायेगा। जिसे कलश में रखकर पूजा अर्चना के बाद 7 अप्रैल को महल से श्री बदरीनाथ धाम के लिए रवाना किया जायेगा। शायंकाल को ही गाडू घड़ी यात्रा ऋषिकेश पहुंचेगी, तथा श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के ऋषिकेश स्थित चेलाचेतराम धर्मशाला में प्रवास करेगी।
8 अप्रैल मंगलवार को श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल, मुख्यकार्याधिकारी बी.डी.सिंह सहित मंदिर समिति के सदस्यगण गाडूघड़ी के स्वागत एवं दर्शनों को पहुंचेगे। ऋषिकेश के स्थानीय श्रद्धालु बड़ी संख्या में गाडूघड़ा के दर्शनों को आते हैं तथा स्थानीय दानीदाता भक्तों द्वारा प्रसाद वितरित किया जायेगा। दोपहर में पूजा, अर्चना भोग के पश्चात लक्ष्मण झूला मुनकीरेती (ऋषिकेश) को प्रस्थान करेगा। रात्रि प्रवास के पश्चात यात्रा 9 अप्रैल बुद्धवार को श्रीनगर गढ़वाल प्रस्थान करेगी। श्रीनगर में रात्रि प्रवास के पश्चात 10 अप्रैल को गाडू घड़ी लक्ष्मीनारायण मदिर डिम्मर के लिए रवाना हो जायेगी कपाट खुलने से पहले 29 अप्रैल को गाडू घड़ी यात्रा श्री बदरीनाथ धाम पहुंच जायेगी, 30 अप्रैल प्रात: 4.30 बजे श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुल जायेंगे।