गोपेश्वर, भूस्खलन व भूकंप की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील चमोली जिले में आपदा एवं खोज बचाव कार्यों के लिए अब ड्रोन कैमरे का भी सहारा लिया जाएगा। इसका सफल परीक्षण जिला मुख्यालय में शुक्रवार को किया गया।
चमोली जिले में प्राकृतिक आपदा अकसर होती है। विशेषकर भूकंप और भूस्खलन व बरसात के समय दुर्घटनाओं के मध्यनजर बचाव व खोज की आवश्यकता होती है। सरकार ने इसमें अब तकनीकी का भी सहारा लिया है। गोपेश्वर में विभिन्न विभागों के अधिकारियों को ड्रोन कैमरे के प्रचालन, उपयोग और तकनीकी का प्रशिक्षण दिया गया। ड्रोन कैमरे के प्रशिक्षक ने बताया कि यह कैमरा पांच सौ मीटर की दूरी तक उडान भर सकता है तथा एक बार में 25 मिनट तक उडान भर सकता है। जिसके माध्यम से वीडियो और फोटो तैयार की जा सकती है, इसमें 20 मेगापिक्सल का कैमरा भी लगा है।
इस अवसर पर जिलाधिकारी आशीष जोशी, एडीएम इला गिरी, पुलिस उपाधीक्षक मिथलेश कुमार, आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी आदि मौजूद थे।