मेडिकल फीस वृद्धि पर स्वामी राम हिमलयन विश्वविद्यालय के कुलपति की सफाई

0
657

ऋषिकेश। मेडिकल कालेजों की फीस वृद्धि का मामला भ्रम की वजह से पैदा हुआ, ये दुर्भाग्यपूर्ण है। मेडिकल कॉलेज छात्रों के हितों का हर स्तर पर ध्यान रखते हैं और कानून का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।

ये कहना है स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी (एसआरएचयू) के कुलपति डॉ.विजय धस्माना का। डा. धस्माना ने मेडिकल फीस मामले पर यूनिवर्सिटी का पक्ष मीडिया के सामने रखा। उन्होंने कहा कि, “फीस मामले पर छात्रों के हितों का ध्यान रखा गया है। फीस वृद्धि का मुददा भ्रम के कारण दुर्भाग्यवश पैदा हुआ। एसआरएचयू यूनिवर्सिटी एक्ट के तहत संचालित होती है। कानून का पालन करने के लिए विश्वविद्यालय पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। सरकार के स्तर से दिए जाने वाले निर्देशों को भी विश्वविद्यालय आक्षरशः फॉलो करता है।”

कहा कि सभी प्राइवेट यूनिवर्सिटी में कानून के प्रावधानों के तहत प्रवेश व फीस निर्धारित की गई हैं। बीते वर्ष चिकित्सा शिक्षा विभाग ने तय किया कि एसआरएचयू के अलावा राज्य में संचालित दो और प्राइवेट मेडिकल यूनिवर्सिटी की फीस तय चिकित्सा शिक्षा विभाग करेगा। इसको लेकर बीते वर्ष काफी विवाद हुआ।

ये विषय राज्य सरकार की कैबिनेट में लाया गया। कैबिनेट ने निर्णय लिया कि शुल्क निर्धारण की छूट प्राइवेट यूनिवर्सिटी के पास रहनी चाहिए। उन्होंने दो टूक कहा कि प्राइवेट यूनिवर्सिटी को किसी भी तरह की मनमानी का अधिकार नहीं। यूनिवर्सिटी के कानून में साफ है कि अगर इनके द्वारा कोई अराजकता व गड़बड़ी की जाती है तो सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।

हमारी सरकार से अपील है कि अगर हम कानून से बाहर जाकर कोई काम करते हैं तो हमारे खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया के एसआरएचयू में फीस को लेकर कोई भ्रम नहीं है। एसआरएचयू में फीस नियमों के तहत तय किया गया है। प्रवेश से पहले छात्रों को फीस की जानकारी दे दी जाती है। जिस छात्र को उस तय फीस के मुताबिक प्रवेश लेना होगा वो लेगा।

कुलपति ने एसआरएचयू में संचालित एमडी एनॉटमी, एमडी फिजियोलॉजी, एमडी बायोकैमेस्ट्री, एमडी कम्यूनिटी मेडिसिन, एमडी माइक्रोबायोलॉजी की फीस पर स्थिति स्पष्ट की। कहा यूनिवर्सिटी कानून के प्रावधानों के तहत उत्तऱाखंड के छात्रों को 26 फीसदी डिस्काउंट दिया जाता है।  उन्होंने दावा किया कि देश के अन्य प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों के मुकाबले एसआएचयू में फीस कम है।