हरिद्वार, एससी-एसटी एक्ट के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरोध में दलित समाज द्वारा सोमवार को किए गए भारत बंद के दौरान हरिद्वार में हुई हिंसा के बाद पुलिस प्रशासन हिंसा फैलाने के लिए जिम्मेदार लोगों की तलाश में जुट गया है। हिंसा के मामलों को लेकर जनपद में अब तक पांच मुकदमें दर्ज किए हैं तथा 10 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। साथ ही हजारों अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए।
जनपद में हालात का जायजा लेने के बाद सीसीआर टावर में पत्रकारों से वार्ता करते हुए डीआईजी गढ़वाल पुष्पक ज्योति ने कहा कि हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। मामले दर्ज करने के बाद जांच की जा रही है। अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सोमवार का बंद एक मैसेज दे गया है, अब तक होता रहा है कि ज्ञापन देने के बाद लोग वापस लौट जाते हैं लेकिन इस बार अलग हुआ। ज्ञापन देने के बाद लीडरशीप गायब हो गई और भीड़ सड़कों पर जमी रही, यह गंभीर बात है। इसकी तह तक जाया जाएगा। इससे सबक लेते हुए आगे उचित कदम उठाए जाएंगे। 14 अप्रैल को अांबेडकर जयंती को लेकर विशेष सतर्कता बरती जाएगी।
डीआईजी ने पुलिस की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि पुलिस ने सहनशीलता और संयम का परिचय देते हुए हालात को ज्यादा बिगड़ने नहीं दिया। उन्होंने पुलिस व खुफिया तंत्र की किसी तरह की नाकामी मानने से इंकार करते हुए कहा कि अन्य राज्यों की अपेक्षा उत्तराखण्ड में हालात ज्यादा खराब नहीं हुए। गढ़वाल कमिश्नर दलीप जावलकर ने कहा कि अब हालात पूरी तरह काबू में है। स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है। किसी को भी माहौल खराब नहीं करने दिया जाएगा।