गया, 14 अप्रैल, 1974 बिहार और देश की राजनीति में एक अहम तिथि है। इसी दिन जयप्रकाश नारायण ने गया के एेतिहासिक गांधी मैदान में जनसैलाब के समक्ष छात्र आन्दोलन का नेतृत्व करने की घोषणा की थी। 12 अप्रैल को गया में छात्र आंदोलनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज और फिर फायरिंग कर 12 लोगों को मौत की नींद सुला दिया था। बिहार में छात्र आन्दोलन की शुरुआत 18 मार्च को हुई थी। जेपी पर छात्र आन्दोलन का नेतृत्व करने के लिए काफी दबाव था लेकिन जेपी नेतृत्व करने के लिए आगे नहीं आ रहे थे। गया गोलीकांड ने जेपी को छात्र आन्दोलन का कमान संभालने के लिए प्रेरित कर दिया। जेपी के नेतृत्व में छात्र आन्दोलन आगे चलकर जन आंदोलन में तब्दील हो गया। आज देश के कई राज्य और केंद्र सरकार में छात्र आन्दोलन के नेता शामिल हैं।
जेपी को गया लाने में तब के सर्वमान्य छात्र नेता अखौरी निरंजन प्रसाद की अहम भूमिका रही थी। 12 अप्रैल को गया में आन्दोलनकारीयों पर पुलिस फायरिंग हुई। एक दर्जन लोग मारे गए थे। कई घायल थे। जिला प्रशासन ने पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया था। 13 अप्रैल की सुबह दो घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई थी। अखौरी निरंजन प्रसाद अपने साथ समीर सरकार को लेकर ट्रेन से पटना गए। जहां से दोनों कदमकुआं महिला चरखा समिति कार्यालय पहुंचे। प्रसाद के अनुसार तब वहां जेपी के साथ त्रिपुरारी शरण सिंह, दयानंद सहाय, विजय कृष्ण, शिवानंद तिवारी, रविशंकर प्रसाद, सहित कई नेता और सर्वोदय आंदोलन के नेता बैठे थे। दयानंद सहाय ने अखौरी निरंजन को देखते ही जेपी से कहा था, “गया से अखौरी आ गया है। उसी से गया में हुई पुलिस फायरिंग की सही जानकारी मिलेगी।” बकौल अखौरी उस वक्त वहां मौजूद सभी लोग गया पुलिस फायरिंग को लेकर आपस में चर्चा कर रहे थे।
प्रसाद ने बताया कि जेपी ने पूरे घटनाक्रम को सुनने के बाद कहा, “क्या कल गया में मेरी सभा करा सकते हो?” हां, सुनते ही जेपी ने कहा कि गया जाकर तैयारी करो।
अखौरी ने कहा कि गया में कर्फ्यू लगा हुआ था। पटना में 13 अप्रैल की रात जेपी की सभा को लेकर 500 पर्चा छपवा कर गया लौटे। 14 अप्रैल की सुबह 6-8 बजे कर्फ्यू की ढील के बीच अखौरी भुनेश्वर की राजदूत मोटरसाइकिल पर बैठकर शहर के कई हिस्सों में पर्चा फेंके। साथ ही छात्र नेताओं को जेपी के आने की सूचना दी।
जेपी पटना से सुबह 10बजे की ट्रेन से गया के लिए रवाना हुए। ट्रेन दोपहर 1 बजे गया स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंची। जेपी के आने की सूचना फैलते ही जन सैलाब कर्फ्यू उल्लंघन कर रेलवे स्टेशन की ओर कूच कर गया। जिला प्रशासन और पुलिस सड़क पर उतरे जन सैलाब के आगे विवश और लाचार थी। जेपी अस्पताल जाकर घायलों से मिले।
इस बीच छात्रों ने अपने कन्धों पर बांस- बल्ली ढोकर गांधी मैदान में मंच तैयार कर दिया। जेपी ने गया के गांधी मैदान में जनसैलाब के समक्ष छात्र आन्दोलन का नेतृत्व करने की घोषणा कर दी।