(देहरादून) आज ही के दिन वर्ष 1944 को मुम्बई के बन्दरगाह पर खडें इग्लैण्ड के फोर्ट स्ट्रिकेन नामक 9 हजार टन वाले जहाज में भीषण अग्नि दुर्घटना घटित हुई थी। इस अग्निकाण्ड के दौरान हुऐ विस्फोट में अग्नि शमन कार्य करते हुऐ 66 फायर सर्विस कर्मी शहीद हो गये थे । उन शहीद हुए फायरमैनों तथा उसके उपरान्त अपने कर्तव्यों का पालन करते हुऐ दिवगंत फायर सर्विस अधिकारियों/कर्मचारियों की स्मृति में प्रति वर्ष 14 अप्रैल को समस्त राश्ट्र की अग्नि शमन सेवायें ‘‘ अग्नि शमन सेवा दिवस ‘‘ मनाती हैं । साथ ही इनकी सेवा भावना के अनुरूप कार्य करने का संकल्प लिया जाता है।
मुख्य फायर स्टेशन गांधी रोड देहरादून पर आज अग्निशमन सेवा दिवस को मनाया गया। कार्यक्रम के प्रथम में शहीद अग्निशमन कर्मियों को श्रृद्धांजलि अर्पित की गई। फायर स्टेशन देहरादून पर आधुनिक अग्निशमन एवं बचाव उपकरणों की प्रर्दशनी भी लगाई गई थी। अग्निशमन कर्मियों द्वारा भवन से घायल व्यक्ति को उतारने का प्रदर्शन भी किया गया। जिसको उपस्थित जनता द्वारा सराहा गया। साथ ही कार्यक्रम के दौरान निवेदिता कुकरेती कुमार , एसएसपी देहरादून द्वारा फायर स्टेशन देहारादून को प्राप्त हाइड्रोलिक एरियल प्लेटफार्म का विधिवत पूजन करते हुए अग्नि शमन एवं आपात कार्य हेतु मुख्य फायर केन्द्र, देहरादून को दिया गया। इसके बाद हाइड्रोलिक एरियल प्लेटफार्म का डेमोशट्रेशन के माध्यम से कार्यक्षमता का प्रर्दशन किया गया।अन्त मे सेमिनार में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक निवेदिता कुकरेती कुमार द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद देहरादून में कुल पांच फायर स्टेशन तथा एक उप केन्द्र स्थापित है, जो निम्न प्रकार है।
- मुख्य फायर स्टेशन, गांधी रोड देहरादून,
- उप केन्द्र वाटर वर्क्स दिलाराम बाजार, फायर स्टेशन ऋशिकेश,
- फायर स्टेशन मसूरी,
- फायर स्टेशन विकास नगर तथा
- फायर स्टेशन सेलाकुई (औद्योगिक क्षेत्र)।
- वर्ष 2018 में 05 फायरमैनों द्वारा मुम्बई फायर सर्विस अकादमी में प्रशिक्षण लिया एवं अन्तर्राष्ट्रीय फायर काम्बेट 360 में प्रतिभाग किया। मुख्य अग्निशमन अधिकारी एस0के0 राणा द्वारा ने बताया कि सप्ताह भर विभिन्न संस्थानों में इसी प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगें। उनके द्वारा यह भी बताया गया कि जनपद के फायर स्टेशनों पर अति आधुनिक एंव उच्च तकनीकी वाले संयन्त्र एंव उपकरणेां को रखा गया है। जिससे अग्निकाण्डों एवं अन्य प्रकार की आपदा के समय त्वरित बचाव कार्य करने की क्षमता में वृद्धि हुयी है।
- वर्तमान समय जनपद के फायर स्टेशनों में हाई प्रेशर वाटर टेण्डर, हाई प्रेशर फोम टेण्डर, पोर्टेबुल पम्प, डी0सी0पी0 टेण्डर, मिनी वाटर टेण्डर तथा जीव रक्षा वाहनों सहित आपदा प्रबन्धन के उपकरण यथा काम्बी टूल्स, हाइड्रोलिक स्पे्रडर, हाड्रोलिक कटर, डायमण्ड चेन शाँ, एयर कम्प्रेशर मशीन जैसे अन्य उपयोगी उपकरण उपलब्ध है।हाइड्रोलिक एरियल प्लेटफार्म :- वर्तमान में उत्तराखण्ड सरकार द्वारा क्रय किये गये इस उपकरण में 30 मीटर तक ऊॅचाई की एक सीढी है, जो कि हाइड्रोलिक तकनीक पर कार्य करती है। इसकी प्रभावी ऊॅचाई 32.8 मीटर है, जो इतनी ऊॅचाई के भवनों तक आसानी से अग्नि शमन कार्य कर सकता है या राहत व बचाव कार्य कर सकता है। लगभग 25 टन भार का यह वाहन धरातल से 06 मीटर गहराई मे भी कार्य कर सकता है। इसका प्लेटफार्म केज 400 क्रिग्रा0 भार सहन कर सकता है अर्थात यह 05 वयस्क व्यक्तियों को 32 मीटर की ऊॅचाई तक ले जाने में सक्षम है। साथ ही 32 मीटर ऊॅचाई पर व्यक्ति सुरक्षित रहे, इसके लिए भी इसमें प्राविधान किये गये हैं।
यह वाहन पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत साफ्टवेयर पर आधारित है एवं इसमें सभी सुरक्षात्मक उपायों को अपनाया गया है। हाइड्रोलिक सिस्टम वाहन के इंजन से शक्ति प्राप्त करता है एवं वाहन के बूम को 90 सेकेण्ड में पूर्णतः खोल सकता है। यदि स्थान की कमी के कारण वाहन के आउटट्रिगर पूर्णतः नहीं खुल पाते है, तो वाहन में लगा कम्प्यूटर सिस्टम वाहन की बढ सकने वाली अधिकतम ऊॅचाई को दर्शाता है। वाहन के आउटट्रिगर चालक के अनुसार कार्य करते हैं। वाहन चालक को वाहन का तिरछापन कोण में बता सकता है। अतः ऊॅचाई-नीचे स्थान पर वाहन स्वयं को संतुलित कर लेता है। मल्टीपल लेबल सेफ्टी के अनुसार वाहन अधिक यदि 32 मीटर की ऊॅचाई पर वाहन का हाइड्रोलिक सिस्टम कार्य नहीं करता है तो बैट्री से इसे चलाया जा सकता है। बैट्री भी किसी कारण कार्य करने में सक्षम न हो तो इसमें एक अलग से पेट्रोल इंजन का प्राविधान भी किया गया है। पेट्रोल इंजन के भी न चलने की दशा में वाहन के ब्लीड डाउन सिस्टम से पूरी तरह एक्सटेंन्डेड बूम में नीचे लाया जा सकता है। साथ ही सभी सिस्टम फेल होने की दशा में इसे मैकेनिकली भी नीचे लाया जा सकता है।
32 मीटर ऊॅचांई पर अग्निशमन एवं जीव रक्षा कार्य कर रहे अग्निशमन कर्मी को यह वाहन अधिक सुरक्षा प्रदान करता है। प्लेटफार्म को एकदम रोकने पर वाहन को सिस्टम ओवरराइड कर देता है, जिससे प्लेटफार्म की गति धीरे-धीरे रूकती है एवं झटके नहीं लेती है। किसी भी ठोस धरातल के टकराने की स्थिति में वाहन में लगा सेंसर आपरेटर को अलार्म दे देता है। वाहन के केज में ही 3000 ली0 ब्रीदेबल हवा का प्राविधान किया गया है एवं 04 एयरमास्क दिये गये हैं जिससे धुंए एवं जहरीले वातावरण में भी अग्निशमन कर्मी कार्य कर सकता है, साथ ही घायल व्यक्ति को भी सांस दी जा सकती है। 32 मीटर की ऊॅचाई पर भी हाइड्रोलिक कटर, स्पे्रडर, सर्कुलर शाँ जैसे हाइड्रोलिक उपकरणों को चलाया जा सकता है जो पावर, वाहन के हाइड्रोलिक सिस्टम से ही लेगा। इस हेतु भी हाइड्रोलिक पावर आउटलेट दिया गया है। केज से एक ही अग्निशमन कर्मी फुहार एवं जेट के रूप में पानी का प्रयोग कर सकता है। 32 मीटर ऊॅचाई पर अग्निशमन एवं बचाव कर्मी, वाहन में बैठे अन्य आपरेटर से बिना रेडियो वाकी-टाकी के बात कर सकता है।
यह एक विश्वस्तरीय बेहतर तकनीकी का बहुउपयोगी वाहन है, जो कि अग्निशमन एवं आपात सेवा के भविष्य के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।