पीक टाइम में सफर से देश को होता है सलाना 2,200 करोड़ का घाटा

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(नई दिल्ली)। भारत के चार बड़े शहर एशिया महादेश में सबसे ज्यादा भीड़भाड़ वाले शहरों में शुमार है। इसके चलते व्यस्ततम अवधि (पीक ह्वार) में स्थानीय यात्रा करने से देश को सलाना 2,200 करोड़ का घाटा होता है। यह खुलासा टैक्सी चलाने वाली कंपनी ऊबर के एक अध्ययन से हुआ है।
अनलॉकिंग सिटीजः दी इंपैक्ट अॉफ राइडशेयरिंग अक्रॉस इंडिया शीर्षक से प्रकाशित इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली, मुंबई व बेंगलुरु में चलने वाले लोगों को पीक टाइम में दूरी को तय करने में अन्य जगहों की तुलना में डेढ़ गुना ज्यादा समय लगता है क्योंकि भीड़भाड़ वाली जगहों को टालने के लिए उन्हें ज्यादा दूरी तय करना पड़ता है।
ऊबर के दक्षिण एशिया के अध्यक्ष अमित जैन ने आज संवाददाताओं से कहा कि सड़क पर चलने वाले साझेदारी के वाहनों की व्यवस्था को लागू करने के लिए ऊबर प्रयासरत है। लेकिन इसके लिए कंपनी प्रशासनिक व योजना बनाने के काम में लगे लोगों को इसमें जोड़ने की जरूरत है। एक सर्वे के मुताबिक कार खरीदने की योजना बनाने वाले लोगों को अगर साझेदारी के वाहनों (कार पूलिंग) की सुविधा उपलब्ध हो जाती है तो वह कार नहीं खरीदेंगे। इससे सड़कों की भीड़ घटेगी। ऊबर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बर्नी हरफोर्ड ने कहा है कि “कार खरीदने की ललक इसी तरह बरकारार रही तो भारतीय शहरों की रफ्तार एकाएक रूक जाएगी। लेकिन साझेदारी की सवारी (कार पूलिंग) सड़कों पर हो रही भीड़भाड़ के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। साथ ही इससे कारों की संख्या में 33 से 68 फीसदी की कमी आएगी।”