हवाई यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर है। केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय की सिफारिश के मुताबिक अगर उन्हें किसी तरह की कमी या देरी का सामना करना पड़ता है या उनकी उड़ान रद्द जाती है तो उसे मुआवजे के तौर पर 20 हजार रुपए तक दिए जाएंगे।
मंत्रालय बहुत जल्द इस मामले में एक मसौदा लाने वाली है। हालांकि एयरलाइंस इस सुझाव के खिलाफ हैं क्योंकि भारत में घरेलू उड़ानों का किराया पहले से ही बहुत कम है। कंपनियों ने चेतावनी दी है कि अगर ये मसौदा आता है तो घरेलू उड़ानों के किराये में भी बढ़ोतरी होगी। इस बीच जेट एयरवेज, इंडिगो, स्पाइसजेट और गोएयर को संरक्षण देने वाले द फेडरेशन ऑफ इंडियन एयरलाइन्स ने मंत्रालय को लिखा है कि मौजूदा नियम और मुआवजे का स्तर पहले से ही उचित और पर्याप्त तरीके से यात्री हितों की रक्षा करते हैं। अगर मुआवजे में बढ़ोतरी की जाती है तो इससे यात्री किराया भी बढ़ेगा।
एफआईए ने कहा कि अक्सर मौसम या एयरनेवीगेशन की वजह से उड़ान में देरी हो जाती है या उन्हें रद्द कर दिया जाता है। अगर एेसी परिस्थिति में मुआवजा देना पड़ा तो इसका सीधा असर कंपनी पर पड़ेगा। लेकिन सरकार का कहना है कि वह उपभोक्ता के हितों के लिए एक संतुलित फैसला लेगी।