ईयरफोन लगाकर चल रहे दुपहिया सवार, हादसों को दे रहे न्योता

0
768

ऋषिकेश, कान में ईयरफोन लगाकर पैदल चलना अथवा वाहन चलाना किस कदर खरतनाक हो सकता है यह उत्तरप्रदेश के कुशी नगर मे हुए स्कूली बच्चों की वैन हादसे से समझा जा सकता है। इस हादसे मे 13 मासूमों की दर्दनाक मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि वैन चालक ईयरफोन लगाकर गाड़ी चला रहा था और मानव रहित रेलवे क्रासिंग पर पेसेंजर ट्रेन से जा भिड़ा। पहले भी इस तरह के हादसे सामने आते रहे हैं।

इस मामले मे उत्तराखंड भी अपवाद नही रहा है। गौरतलब यह है कि अनेक दुघर्टनाएं सामने आने के बावजूद टीन एजर्स और और युवाओं में मोबाइल से सेल्फी लेना और कान में ईयरफोन फोन लगाना एक तरह से स्टेटस सिंबल बन गया है। इस मामले में युवतियां भी पीछे नही हैं। हादसा होने के बाद भी लोग इसके सबक नहीं ले रहे हैं। ऋषिकेश की ही बात करें तो सड़कों पर टीन एजर्स और युवा बाइक और स्कूटी पर चारों तरफ फर्राटा भरते दिखलाई पड़ते है इनको न तो हादसा होने पर खुद के अथवा दूसरे के घायल होने की चिंता रहती है। मोबाइल से बात करते हुए वाहन चलाना प्रतिबंधित है। वाहन चलाते हुए मोबाइल पर बात करने पर यातायात पुलिस द्वारा यहां कभी भी कोई कारवाई होती नजर नही आई। इसी वजह से यहां युवाओं मे कानून का कोई खौफ भी देखने को नही मिला।

इन सबके बीच अब एक बड़ा सवाल यही है कि कुशीनगर मे हुए दर्दनाक हादसे के बाद क्या पुलिस प्रशासन इस घटना से सबक लेते हुए ईयरफोन लगाकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ कोई अभियान शुरू करेगा कि नही।

कोतवाली प्रभारी प्रवीण सिंह कोश्यारी के अनुसार तीर्थ नगरी ऋषिकेश मे पुलिस प्रशासन की और से लगातार यातायात नियमों को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। सुरक्षा के दृष्टिगत हेलमेट पहन कर दुपहिया चलाने के लिए भी युवाओं सहित सभी को लगातार सजग किया जा रहा है। बताया कि ईयरफोन लगाकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ भी कारवाई सुनिश्चित की जाएगी।