गर्मी में बढ़ी मरीजो की तादात, बेस चिकित्सालय में एक फिजिशियन के भरोसे मरीज

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कोटद्वार/पौड़ी। गर्मियां बढ़ने के साथ ही बेस चिकित्सालय में मरीजों की तादात भी बढ़ने लगी है। स्थिति यह है कि करीब ढ़ाई से तीन सौ मरीज प्रतिदिन चिकित्सालय पच रहे है। चिकित्सालय में कहने को तो तीन फिजीशियन तैनात हैं, लेकिन उनमें भी दो फिजीशियन चिकित्सालय से नदारद है। जिससे लोगों का नंबर शाम चार बजे तक आ रहा है, लेकिन दवा वितरण केंद्र दो बजे बंद होने के कारण लोगों को अस्पताल से दवाइयां भी नहीं मिल पा रही हैं और उन्हें मेडिकल स्टोरों से दवाइयां लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
पारा ऊपर चढ़ने के साथ ही क्षेत्र में गर्मी का प्रकोप भी बढ़ने लगा है और गर्मी बढ़ने के साथ ही बेस चिकित्सालय में मरीजों की तादात भी बढ़ने लगी है। स्थिति यह है कि प्रतिदिन ढ़ाई से तीन सौ मरीज चिकित्सालय पहुंच रहे है, लेकिन चिकित्सालय पहुंचकर भी उन्हें उपचार के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि कई लोगों का नंबर तो शाम चार से पांच बजे तक आ रहा है, जिससे मरीजों के साथ ही तीमारदारों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कहने को तो चिकित्सालय में तीन फिजीशियन तैनात है, लेकिन महज एक ही फिजीशियन चिकित्सालय में बैठ रहे है। एक फिजीशियन ने अभी हाल में चिकित्सालय ज्वांइन किया है और वे छुट्टी में चल रहे हैं, जबकि दूसरे फिजीशियन भी मेडिकल लीव पर है। उपचार के लिए चिकित्सालय पहुंच रहे लोगों का कहना है कि वह सुबह सात बजे से लाइन में लगे हैं, लेकिन उनका नंबर कब आएगा उनको पता नहीं। कई मरीज तो चिकित्सालय में भीड़ को देखते हुए प्राइवेट चिकित्सालयों में उपचार कराने को मजबूर है। जबकि जो मरीज चिकित्सालय में उपचार करा भी रहे है उनको चिकित्सालय से दवाइयां नहीं मिल पा रही है। दरअसल दवा वितरण केंद्र दो बजे ही बंद हो जाता है, जबकि मरीजों की तादात को देखते हुए चिकित्सक दो से तीन घंटे अतिरिक्त चिकित्सालय में मरीजों को देख रहे है और मरीजों को देखते-देखते चार बज जा रहे है। ऐसे में दो बजे के बाद नंबर आने वाले मरीजों को दवाइयां बाहर से खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है।
चंद्रमोहन सिंह नेगी बेस चिकित्सालय में तैनात फिजीशियन डा.जेसी ध्यानी ने बताया कि मरीजों को चाहिए कि वे पानी उबालकर ठंडा होने पर सेवन करें और पानी अधिक से अधिक मात्रा में पिएं। ठेली और रेहड़ियों में बिकने वाली चाट, चटनी, फास्ट फूड, जंक फूड का सेवन करने से परहेज करें। लूज मोशन होने पर ग्लूकोज युक्त पानी का सेवन करें और अधिक से अधिक मात्रा में पानी का सेवन करें, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो। बीमारी बढ़ने पर चिकित्सक की सलाह लें।