नौकरी का झांसा देकर धोखाधड़ी करने वाले तीन गिरफ्तार

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File Photo

ऋषिकेश, कोतवाली पुलिस ने नौकरी का झांसा देकर धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले मे पुलिस ने दिल्ली से तीन शातिर जालसाजों को दो मोबाईल और एक लैपटॉप सहित गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से पुलिस को कुछ अहम दस्तावेज भी बरामद किए हैं।

कोतवाली प्रभारी प्रवीण सिंह कोश्यारी ने बताया कि विस्थापित कालोनी निवासी वंदना रतूड़ी ने कोतवाली में सूचना देते हुए बताया था कि विगत 10 जुलाई को एक वेबसाइट पर उन्होंने कृषि सेवा केन्द्र में जॉब के लिए आवेदन किया था, जिसके कुछ दिन बाद उनके द्वारा अलग अलग मोबाइल नम्बरों से कॉल किया गया व मेरा टेलीफोनिक इन्टरव्यू लिया गया। इसमें बताया गया कि आपका कृषि सेवा केन्द्र में चयन हो गया है, जिसका ज्वाईनिंग लेटर हम आपको आपकी ई-मेल में भेज देगें तथा उन्होंने लेपटॉप देने के नाम पर 16,500 रुपये बतौर सिक्योरिटी खाते में जमा कराने के लिए कहा गया, इसके बाद उनके द्वारा दिये गये खाते पर उपरोक्त धनराशि जमा करा दी गयी। जब उन्होंने ज्वाईनिंग लेटर नही भेजा और धनराशि की मांग की तब शक हुआ कि उन्होंने धोखाधड़ी कर रुपये ठग लिये हैं। वादिनी की सूचना पर थाना ऋषिकेश पर अज्ञांत अभियुक्तों के मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। मामले के सामने आने के बाद हरकत मे आए पुलिस प्रशासन ने आरोपियों को दबोचने के लिए कारवाई शुरू कर दी।

अज्ञात मोबाइल नम्बरों की जानकारी व अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए जनपद की पुलिस कप्तान ने पर्यवेक्षण, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण व पुलिस क्षेत्राधिकारी महोदय के नेतृत्व में टीम गठित की। संदिग्ध मोबाइल नम्बरों की कॉल डिटेल व बैंक खातों का विशलेषण किया गया, जिसके आधार पर संदिग्धों का कॉल सेन्टर टाईप आफिस लक्ष्मीनगर व ललिता पार्क दिल्ली में होना पाया गया। 26 अप्रैल को पुलिस टीम अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए लक्ष्मीनगर व ललिता पार्क दिल्ली रवाना हुई तथा संदिग्ध स्थान पर जानकारी के लिए मुखबिर को लगाया गया। मुखबिर ने बताया कि ललिता पार्क स्थित एक बिल्डिंग के पांचवे तल पर नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले तीन लड़को ने एक कार्यालय खोल रखा है। इस सूचना पर पुलिस टीम द्वारा बताये फ्लैट पर दबिश दी गयी तो वहां पर तीन लड़के बैठे थे, जो पुलिस को देखकर घबरा गये। पुलिस टीम द्वारा सख्ती से पूछताछ की गयी तो इन्होने बताया कि हमारे द्वारा कृषि सेवा केन्द्र में नौकरी लगाने के नाम पर लोगो से सिक्यारिटी के नाम पर 1100 रुपये से 30 हजार रुपये तक फर्जी खातो में जमा कराए जाते हैं।

ठगी का शिकार होने वाले कुछ दिन तक फोन करते रहते हैं परन्तु हम लोग रुपये वापस नही करते हैं। हमारे पास सिम कार्ड व बैंक खाते फर्जी होते हैं, जिस कारण कोई हमे पकड़ नहीं पाता है। अभियुक्तगण के पास से जो मोबाईल फोन सिम मिले उनसे ही इनके द्वारा वादिनी वन्दना को फोन कर ठगा गया था। अभियुक्तो की पहचान सादाब मलिक पुत्र नौशाद मलिक निवासी हिण्डन विहार कालोनी गाजियाबाद, नितिन वर्मा पुत्र रंजन कुमार वर्मा हाल निवासी गीता कालौनी नई दिल्ली, मनीष कमलेश उर्फ कुमद राजन कमलेश पुत्र कमलेश्वर प्रसाद निवासी ग्राम जमालपुर थाना ईस्ट कालोनी जिला मुंगेर बिहार हाल किरायेदार कोण्डली थाना न्यू अशोकनगर दिल्ली के रूप मे हुई है।