थराली उपचुनाव भाजपा कांग्रेस दोनों के लिए बना प्रतिष्ठा का सवाल

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देहरादून,  थराली विधानसभा चुनाव जहां भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है, वहीं कांग्रेस को राजनीति में प्रभाव बनाने का एक माध्यम है। दोनों दल इस उपचुनाव पर पूरी शक्ति झोंके हुए है।

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और फूलपूर लोकसभा सीटें हारने के बाद भाजपा कहीं भी किसी भी प्रदेश में चुनाव में कोई चूक नही होने देना चाहती। यही कारण है कि यहां स्टार प्रचारकों की एक लंबी फौज दोनों दलों द्वारा घोषित की गई है। जहां भाजपा द्वारा स्टार प्रचारकों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा सभी प्रमुख प्रदेश स्तरीय नेात शामिल है, वहीं कांग्रेस ने भी इस चुनाव में राहुल गांधी को सबसे बड़ा स्टार प्रचारक माना है। कांग्रेस की 40 लोगों की सूची में राजबब्बर, नवजोत सिद्द्धू, अनुग्रह नारायण सिंह के साथ-साथ प्रदेश के शेष नेता शामिल है। दोनों दलों की स्टार प्रचारकों की सूची यह बताने को काफी है कि थराली उपचुनाव दोनों दलों की प्रतिष्ठा से जुड़़ा हुआ है।

भाजपा ने अपने बागी उम्मीदवारों गुड्डू लाल तथा बलवीर सिंह घुनियाल को अपने पाले में करके अपनी पहली जीत हासिल कर ली है। यह बात अलग है कि दोनों कितने मन से पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करेंगे पर उप चुनाव प्राय: सत्ता के साथ ही जाते हैं। लेकिन बागियों के कारण यहां मामला गड़बड़ा रहा था। अब स्थिति अनुकूल हो गई है। वैसे भी भाजपा ने उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत जैसे पूर्व संगठन मंत्री को प्रभारी बनाकर पहले ही जंग जीत ली थी। डॉ. धन सिंह रावत का कार्यकर्ताओं पर अच्छा प्रभाव है। साथ ही साथ पूरे प्रदेश की टीम इस चुनाव को जीतने को लगी हुई है। ठीक यही स्थिति कांग्रेस की भी है। देखना यह होगा कि जनता किस दल को विजय का हार और किस दल को हार देती है।