उत्तराखंड में लगा स्वच्छता अभियान को झटका

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देहरादून। प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत के नारे को मुंह चिढ़ा रहा है उत्तराखंड। डबल इंजन की सरकार से लोगों को बहुत उम्मीदें थी लेकिन उत्तराखंड में इस उम्मीद को भारी झटका लगा है। इसका कारण चारों तरफ गंदगी का साम्राज्य होना है। हालांकि इस गंदगी के साम्राज्य के पीछे सफाई कर्मचारियों की हड़ताल है लेकिन सरकार की इस मामले में पूरे मनोयोग से काम नहीं कर रही है, अन्यथा ऐसी अव्यवस्था न होती।
सफाई कर्मचारियों की मांगों पर अब तक विचार न किया जाना इसी बात की ओर इंगित करता है। उत्तराखंड के सफाई कर्मचारी अपनी कुछ मांगों को लेकर आंदोलनरत है। जिसके कारण चारों तरफ गंदगी का साम्राज्य बढ़ता जा रहा है लेकिन इस अवसर पर वे नेता गायब है जो झाड़ू लेकर, फोटो खिंचवाकर, अपने काम की इतिश्री कर देते थे। अब इन सभी नेताओं को आइना दिखा रहे हैं, देहरादून की पॉश कालोनी पॉम सिटी के निवासी काजी साहब जो बिना किसी तामझाम के गंदगी साफ करने पर जुटे हुए हैं। काजी साहब की स्वच्छता के प्रति निष्ठा तो दूसरी तरफ वह नेता है जो बिना काम के श्रेय लेना चाहते हैं और वे लोग है जो काम करके भी श्रेय लेना नहीं चाहते, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के सपनों को साकार कर रहे हैं। इस उदाहरण से मोदी समर्थकों को सीख लेनी चाहिए। क्षेत्रवासियों का कहना है कि काजी साहब की यह मुहिम सरकार के लिए यह आइना है जिसमें वह सड़क से कूड़े कचरे की गंदगी को अपने सहयोगी के साथ हटा रहे हैं। सिटी को जाने वाले रास्ते पर गंदगी का लगा यह अंबार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वच्छता की यह योजना को पलीता लगा रहा है।