(पिथौरागढ़) पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायुक्त कार्यालय में रसोईया बन कर गए डीडीहाट के रमेश कन्याल पर भारत विरोधी संगठनों के संपर्क में रहने के आरोप से उत्तराखंड में सनसनी फैल गई। खुफिया एजेंसियों के अलर्ट के बाद उत्तर प्रदेश एटीएस (एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉयड) उसे घर से उठाकर लखनऊ रवाना हो गई। रमेश के पास एक बिना सिम वाला पाकिस्तान का मोबाइल फोन भी मिला है।
पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट तहसील के गराली गांव निवासी रमेश सिंह कन्याल (43 वर्ष) 2015 में पाकिस्तान स्थित भारतीय दूतावास के उच्चायुक्त कार्यालय में रहा था। वह एक भारतीय अधिकारी के साथ रसोइया बन कर गया था। पाकिस्तान में वह दो साल पांच माह रहने के बाद सितंबर 2017 को भारत लौट आया। इसके बाद अपने गांव गराली आ गया। यहां आने के बाद तहसील बंगापानी के अंतर्गत पड़ने वाले नेपाल सीमा से सटे बलमरा गांव में परचून की दुकान खोल ली।
सोमवार की शाम लखनऊ एटीएस की एक टीम तीन वाहनों से डीडीहाट पहुंची। एटीएस ने डीडीहाट कोतवाल धीरेंद्र कुमार को साथ ले मंगलवार रात करीब साढ़े ग्यारह बजे रमेश को उसके किराए के कमरे से उठा लिया। डीडीहाट थाने में ही कागजी कार्यवाही पूरी कर बुधवार को यूपी एटीएस उसे साथ ले गई। एटीएस टीम ने इस बारे में कुछ भी जानकारी देने से इन्कार कर दिया।