आधी आबादी के लिए बनाये गये शौचालयों में लटके है ताले

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कोटद्वार। आधी आबादी की सुविधा के लिए बने शौचालय, लटके हैं ताले। जहां सोच, वहां शौचालय और इसी के तहत केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगर में शौचालयों का आधुनिकीकरण तो कर दिया गया, लेकिन शौचालय में अभी तक पानी का कनेक्शन न होने के कारण शौचालयों में जहां गंदगी का अंबार लगा हुआ है, वहीं आधी आबादी की सुविधा के लिए बने महिला शौचालयों में से कई शौचालयों में ताले भी लटक रहे हैं, जिससे सफर करने वाली महिलाओं सहित आम महिलाओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगर में अवस्थित सुलभ शौचालयों के आधुनिकीकरण का कार्य किया गया। इसके तहत नगर पालिका कोटद्वार द्वारा भी यहां कई शौचालयों का निर्माण कार्य कराया गया। लेकिन लाखों की धनराशि फूंकने के बाद भी इन शौचालयों की स्थिति दयनीय बनी है। स्थिति यह है कि एक साल से अधिक का समय बीतने को है, लेकिन इन शौचालयों में पानी का कनेक्शन तक नहीं हो पाया है, जिससे शौचालय में जहां गंदगी का अंबार लगा हुआ है, कहने को तो नगर पालिका द्वारा शौचालयों में सफाई कर्मियों द्वारा सुबह टैंकरों से सफाई की जाती है, लेकिन यह सफाई नाकाफी साबित हो रही है, जिससे पुरूष शौचालयों में जहां गंदगी और दुर्गंध बनी रहती है, वहीं महिला शौचालयों में तो ताले लटके हुए हैं। महिला शौचालय में ताले लटके होने के कारण महिलाओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
क्या थी योजना
स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगर पालिका को शौचालयों के लिए धनराशि मिली। इसके तहत 11 सीट वाले शौचालय के लिए 11 लाख रूपए प्रति शौचालय और चार सीट वाले शौचालय के लिए 3.5 लाख रूपए प्रति शौचालय स्वीकृत किए गए। इसके तहत नगर में करीब आधे दर्जन शौचालयों का निर्माण कराया गया।
क्या कहते हैं लोग
शौचालयों में न तो पानी की सुविधा है और न ही सफाई की व्यवस्था। महिला शौचालयों में ताले लटके होने के कारण महिलाओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। करोड़ों खर्च कर शौचालय तो बना दिए, लेकिन पानी का कनेक्शन न होने के कारण गंदगी का अंबार लगा हुआ है। अधिकांश महिला शौचालयों में तो ताले लटके हुए है। महिलाओं को प्रसाधन में भारी परेशानी हो रही है। नगर निगम को चाहिए कि शौचालयों में पानी का कनेक्शन लगवाएं और सपफाई की समुचित व्यवस्था करवाए।
-कृष्णा बहुगुणा प्रदेश सचिव कांग्रेस कमेटी उत्तराखंड।
महिलाएं खुले में शौच नहीं कर सकती लेकिन, नगर में शौचालयों की स्थिति दयनीय हैं, कई शौचालयों के दरवाजे टूटे है, तो कई में दरवाजे हैं तो ताले लटके हैं, इसके अलावा पानी की व्यवस्था न होने से गंदगी का अंबार लगा है। प्रशासन को स्वच्छता पर ध्यान देना चाहिए साथ ही पानी की व्यवस्था भी शौचालयों में करनी चाहिए।
क्या कहते हैं महिला जनप्रतिनिधि
पूर्व में महिला शौचालयों की व्यवस्था नहीं थी, अब शौचालय बने हैं तो उनमें सुविधा नहीं। कोटद्वार पहाड़ का प्रवेश द्वार है और बाहर से आने वाले हमें इस बारे में कहते हैं तो हमें खुद भी इस बात का अहसास होता है। हम सरकार और नगर पालिका से मांग करते हैं कि शौचालयों को सुविधा संपन्न बनाए और शौचालयों की देखरेख के लिए वहां कर्मचारी भी नियुक्त किए जाएं।
क्या कहते हैं अधिकारी
शौचालयों में पानी के कनेक्शन न होने के कारण गंदगी के अंबार लगे हैं। शौचालयों में पानी के कनेक्शन के लिए 56000 की धनराशि जल संस्थान को आवंटित की गई है। दस दिन के भीतर कनेक्शन होने के बाद ही शौचालयों की स्थिति में सुधार आएगा। हाल फिलहाल टैकरों से शौचालयों की सफाई करवाई जा रही है।