यू तो भारत देश को विविधता के लिए जाना जाता है।और अनेकता में एकता भारत कि विषेशता है।लेकिन अगर इन वाक्यों का जीता जागता उदाहरण देखने को मिल जाए तो क्या बात होगी और ऐसा ही कुछ हुआ है उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जिलें में।
जी हां, अल्मोड़ा नगर के एन. टी डी में खान मोहल्ले में स्व. मोहम्मद खान साहब के वहाँ केवल 5 साल की उम्र से पले बढ़े महाराष्ट्र निवासी रामलाल उर्फ रामू पुत्र शंकर दत्त जो कि उनके घर में पारिवारिक सदस्य के रूप रह रहे थे । जिनका 72 साल की उम्र में लंबी बीमारी के बाद आज दिन में देहान्त हो गया। स्व. मोहम्मद खान साहब के बेटों रहमत खान, अहमद खान,अय्यूब खान और हाजी नूर अकरम खान , दानिश खान आदि ने रमजान के पावन पर्व में रोजेदारी के साथ साथ अल्मोड़ा की एकता के मिसाल को बरकरार रखते हुए पूरे हिन्दू रीति रिवाजों के साथ अपने हाथों से पिण्डदान, अग्नि देकर मृत आत्मा की विश्वनाथ घाट में अतेंष्टि कर अंतिम विदाई दी। स्व. रामलाल की आत्मा को परमपिता परमेश्वर शान्ति प्रदान करें।
ऐसा करके खान परिवार ने ना केवल स्वर्गीय रामलाल की आत्मा को शांति दी है बल्कि समाज में एक मिसाल कायम की है।
(यह खबर तृलोचन जोशी के फेसबुक वॉल से लिया गया है।)
https://www.facebook.com/trilochan.joshi.31/posts/1767867933305130