सार्वजनिक स्थान पर खुद झाड़ू लेकर सफाई करने लगे दरोगा साहब

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ऋषिकेश, अगर पुलिस प्रशासन अपनी ड्यूटी को ईमानदारी से निभाने पर आए तो कई अच्छे परिणाम आते। बात करें ऋषिकेश तपोवन क्षेत्र की, इस क्षेत्र में अभी पांव रखने की भी जगह नहीं है। देशभर का पर्यटक साथ में विदेशी पर्यटक हजारों की संख्या में रोज लक्ष्मण झूला पहुंचता है, यही कारण है यहां बने होटल्स, रिसोर्ट और आश्रम हमेशा ही फुल रहते हैं। लेकिन पार्किंग यहां की सबसे बड़ी समस्या है। ज्यादातर गाड़ियां सड़कों पर खड़ी करके ट्रैफिक को जाम कर दिया जाता है। जिसमें स्थानीय निवासियों के साथ-साथ होटल मालिकों की भी मिलीभगत रहती है, जिस से तंग आकर स्थानीय लोगों ने प्रशासन से कई बार गुहार लगाई लेकिन स्थिति जस की तस बनी रही।

हाल ही के दिनों में मुनि की रेती में आए नए दरोगा ने लक्ष्मण झूला के लक्ष्मण चौक पर अचानक से गश्त करते हुए पहुंच गए। यहां खड़े दर्जनों वाहनों को देख उनका पारा चढ़ गया। उन्होंने तुरंत थाने सूचना भेजकर मौके पर क्रेन बुला ली। क्रेन आते ही चालकों में हड़कंप मच गया। उन्होंने आनन-फानन में अपने वाहन चौक से हटाने शुरू किए। मगर पुलिस की सख्ताई ने उन्हें वाहन हटाने का मौका नहीं दिया। पुलिस क्रेन की सहायता से 6 कार और 12 दोपहिया वाहन उठाकर तपोवन चौकी ले गई।

इंस्पेक्टर आरके सकलानी ने बताया कि ,पु”लिस को लगातार चौक पर अवैध पार्किंग की सूचना मिल रही थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दुकानदारों को नोटिस भी जारी किए। ग्रामीणों ने तीन दिन पहले उन्हें मामले में ज्ञापन भी दिया था। अवैध पार्किंग होने से पर्यटकों को पैदल चलने में परेशानी हो रही है।” जिस कारण पुलिस ने अचानक से चेकिंग कर कार्रवाई को अंजाम दिया है।

चेतावनी दी है यदि दोबारा वाहन खड़े मिले तो पुलिस वाहनों के चालान नहीं काटेगी बल्कि उन्हें सीधा सीज कर देगी।  गाड़ी हटाने के बाद दरोगा ने खुद ही हाथ में झाड़ू लिया और पूरे चौक की सफाई में जुट गए, अपने चौकी के ऑफिसर को काम करता देख सारे सिपाही भी साफ सफाई में जुड़कर। यह एक ऐसा नजारा था जिसके आसपास के दुकानदारों ने भी कल्पना नहीं करी थी। साफ सफाई के बाद इंस्पेक्टर सकलानी ने आसपास के व्यापारियों को चेतावनी दी कि अब कोई भी लक्ष्मण जी के चौक पर गंदगी नहीं करेगा और ना ही अवैध पार्किंग बनाएगा जिससे आने वाले तीर्थ यात्रियों के साथ-साथ विश्व भर के पर्यटकों को भी परेशानी होती है। साथ ही गंदगी का अंबार लगने से क्षेत्र की इमेज भी खराब होती है अगर इसी तरह सभी अधिकारी अपनी ड्यूटी समझकर पब्लिक के साथ सहयोग कर एक नई मिसाल पैदा करेंगे तो आने वाले दिनों में उत्तराखंड पुलिस की एक अलग ही इमेज बन जाएगी।