डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे सरकारी अस्पताल, मरीज बेहाल

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हरिद्वार। तीर्थनगरी में प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन होने के बाद भी यहां की स्वास्थ्य सेवाएं दम तोड़ रही हैं। अस्पतालों में ना तो डॉक्टर हैं और ना ही पर्याप्त दवाएं मिल रही हैं। इससे मरीजों को निजी अस्पतालों में इलाज कर अपना आर्थिक शोषण कराने को मजबूर होना पड़ रहा है।
जिला और महिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी सालों से बनी हुई है। लेकिन राज्य सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मुंह मोडे हुए हैं। इससे लोगों में गुस्सा बना हुआ है। कांग्रेस के ब्लोक अध्यक्ष तरूण नैयर ने कहा कि जिला असपताल में डॉक्टरो की कमी चली आ रही है। शहरी ओर ग्रामीण क्षेत्र से बडी संख्या में लोग यहां इलाज कराने आते हैं। लेकिन उनको सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक की जानकारी में होने के बाद भी समस्या का जस की तस बनी हुई है। गर्मी का मौसम आते ही बिमारियां बढ़ गई है। अब डेंगू का सीजन भी आने वाला है, ऐसे में सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने पर जोर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यही हाल रहा तो जल्द ही जनप्रतिनिधियों के आवास पर घेराव कर प्रदर्शन किया जाएगा। जबकि कई बार उत्तरी हरिद्वार में अस्पताल की मांग काफी अरसे से की जा रही है। लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कांग्रेस के प्रवक्ता सुनील अरोडा ने कहा कि हरिद्वार में स्वास्थ्य सेवाओं का सबसे ज्यादा बुरा हाल है। जिला अस्पताल हो या फिर ज्वालापुर सीएचसी दोनों जगह डॉक्टरों की कमी है और कोई भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर गंभीर नहीं है। इसलिए जल्द ही सरकार के खिलाफ सडकों पर उतरकर प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने हरिद्वार की इस बदहाली के लिए शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि जब उनसे अपने गृह जनपद की स्वास्थ्य सेवाएं नहीं सुधर रही है जो चिंतनीय है।