देहरादून, राजधानी देहरादून समेत प्रदेशभर में स्वास्थ्य संबंधित व्यवस्थाओं की बदहाली को लेकर उत्तराखंड क्रांतिदल ने डंडी-कंडी के साथ दून अस्पताल तक जुलूस प्रदर्शन किया। यूकेडी कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
महानगर अध्यक्ष संजय क्षेत्री के नेतृत्व में यूकेडी कार्यकर्ता पार्टी कार्यालय में एकत्रित हुए तथा पर्वतीय क्षेत्रों में मरीजों को अस्पताल ले जाने के तरीके का प्रदर्शन करते हुए डंडी कंडी यात्रा निकाली। सभी पदयात्रा करते हुए दून अस्पताल पहुंचे। यहां दून अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन में कहा गया कि स्वास्थ्य जीवन का आधार है और प्रदेश की प्रत्येक जन मानुष तक स्वास्थ सेवाओं को पहुँचाना सरकार का दायित्व भी है और नैतिक जिम्मेदारी भी। दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रदेश निर्माण के बाद से अब तक प्रदेश सरकारों ने तक स्वास्थ को दुरुस्त करने के बजाय केवल चुनावी मुद्दा बना कर रख दिया।
सत्ता धारी सरकार पलायन को रोकने पर आयोग बनाकर खाना पूर्ति करती दिखाई देती है। पलायन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार लगभग 700 गांव खाली हो चुके है। यह संख्या वास्तव में कई हजार के आसपास है। पलायन का मुख्य कारण प्रदेश में दम तोड़ती स्वास्थ सेवाएं, लचर शिक्षा तथा रोज़गार , सड़क तथा पानी की कमी है किन्तु सरकार केवल कारण जानने तक सीमित है। समस्याओं के उचित समाधान निकालने में प्रचंड बहुमत की सरकार अब तक फेल रही है।
पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों के अभाव में उत्तराखंड की आपातकालीन एम्बुलेंस डंडी-कंडी के द्वारा मौसम की मार को झेलते हुए मरीजों को चार से पांच घंटे पैदल लेकर हॉस्पिटल पहुँचते हैं ,अगर मरीज की हालत ज्यादा ख़राब हैं तो रास्ते में दम तोड़ देते है। लेेकिन जीवन का संघर्ष वहां भी समाप्त नहीं होता ,वहां की स्तिथि भी डॉक्टरों , दवाइयों और जीवन रक्षक मशीनों के कारण दुर्भाग्यपूर्ण बनी हुई है। यूकेडी ने राज्यपाल को भेजे गये पत्र के माध्यम से स्वास्थ्य व्यस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए प्रदेश हित में शासन को आवश्यक निर्देश जारी करने की मांग की है।