राजनीति: सीएम दरबार में शिक्षिका के हंगामे पर सियासत

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(देहरादून) मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के जनता दरबार में शिक्षिका के हंगामे पर सियासत शुरू हो गई है। उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) ने इस मामले को राज्य को शर्मसार करने वाली घटना बताया है। यूकेडी के वरिष्ठ नेता लताफत हुसैन ने कहा है कि जिस महिला शक्ति के संघर्ष के बल पर आज मुख्यमंत्री कुर्सी पर आसीन हैं, उस महिला शक्ति को गिरफ्तार करवाना, मुकदमा दर्ज कराना और निलंबित करना सरकार की विफलताओं को उजागर करता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षकों तथा अन्य विभागीय स्थानांतरण की प्रक्रिया आज पूर्ण रूप से सरकार से पैसे के लेनदेन पर आधारित है। सरकार के मुखिया जीरो टॉलरेंस का राग अलापते रहते हैं। वर्तमान सरकार तबादला नीति, रोजगार नीति और विकास नीति पर पूरी तरह असफल प्रतीत हो रही है। इससे पहले राज्य के मंत्री के जनता दरबार में एक व्यवसाई द्वारा आत्महत्या करना और एक शिक्षिका की बातों पर मुख्यमंत्री का गंभीर न होना सरकार की उदासीनता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश पर अतिक्रमण हटाने के नाम पर गरीब ठेली-रेहड़ी व छोटे कारोबारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। सर्वविदित है कि बाजारों में जो फुटपाथ बने हुए हैं और उन पर जिन कारोबारियों ने अतिक्रमण किया हुआ है,उनमें से अधिकांश भाजपाई समर्थक हैं। अतिक्रमण के पीछे कांग्रेस और भाजपा का ही हाथ है। आज दोनों ही दलों के कई ऐसे नेता है जो इन अतिक्रमणकारियों की कृपा से ही विधायक बने हैं। उन्होंने कहा कि यूकेडी अतिक्रमण हटाने के अभियान का समर्थक है, लेकिन इसमें पारदर्शिता होनी चाहिए। 

शिक्षिका ने कहा जायज है उनकी मांग और हंगामा

गुरुवार को सीएम आवास में तबादले की मांग को लेकर आई उत्तरकाशी की शिक्षिका को सीएम के निर्देश पर गिरफ्तार कर वसंत विहार थाने लाया गया। यहां बातचीत में उन्होंने कहा कि उनका हंगामा और मांग दोनों जायज हैं। उन्होंने शिक्षा विभाग पर पक्षपात का आरोप भी लगाया।
गुरुवार को जनता मिलन कार्यक्रम के दौरान हंगामा करने वाली उत्तरकाशी जिले के राजकीय प्राथामिक विद्यालय ज्येष्ठवाड़ी में तैनात शिक्षिका ऊर्जा बहुगुणा ने कहा कि उनकी उम्र 57 वर्ष हो चुकी है। पति की मृत्यू के बाद दो बच्चों की जिम्मेदारी भी उनपर है। उन्होंने कहा कि वे 25 साल से दुर्गम में सेवाएं दे रही हैं। लेकिन, मौजूदा हालात में उनके लिए यह संभव नहीं है। इसलिए उन्होंने नियमों के तहत ही स्थानांतरण की मांग की। 2015 में जब पति की मृत्य हुई थी, तभी से वे स्थानांतरण के लिए भटक रही हैं। उन्होंने कहा कि छह माह पूर्व भी उन्होंने सचिवालय में सीएम से मुलाकात कर स्थानांतरण की मांग की थी और उन्होंने आश्वस्त भी किया था। जनता मिलन कार्यक्रम के दौरान हुए हंगामे को लेकर उन्होंने कहा कि वह इसे गलत नहीं मानती। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग मनमानी कर रहा है और यही शिकायत लेकर वे सीएम आवास आई थीं। उन्होंने कहा कि अपने हक के लिए आवाज उठाना गलत कैसे है। निलंबित किए जाने पर उन्होंने कहा कि अभी वे ग्रीष्मकालीन अवकाश पर हैं और अवकाश में निलंबन नहीं हो सकता।