प्रदेश भर में कांग्रेस ने सरकार का फूंका पुतला

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देहरादून। मुख्यमंत्री के जनता दरबार में महिला अध्यपिका के साथ हुई अभद्रता एवं तत्पश्चत गिरफ्तारी व निलम्बन के विरोध में उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के आह्रवान पर आज कांग्रेसजनों ने प्रदेशभर के जिला मुख्यालयों में सड़कों पर उतर कर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं राज्य सरकार के विरूद्ध जबर्दस्त प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया।
राजधानी देहरादून में स्वयं प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कांग्रेस कार्यकर्ताओ की अगुवाई करते हुए प्रदर्शन का नेतृत्व किया। प्रदर्शन कांग्रेस मुख्यालय से राजपुर रोड़, एस्लेहाॅल चैक पहुंचे जहां पीडित महिला के समर्थन में व नारी षक्ति के समर्थन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जबर्दस्त नारेबाजी की व मुख्यमंत्री तथा राज्य सरकार के विरोध में प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री के पुतले का दाह किया।
इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम ​सिंह ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं राज्य की भाजपा सरकार पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री एवं मंत्रियों के परिजनों एवं रिस्तेदारों के लिए अलग नियम हैं तथा राज्य की आम जनता के लिए अलग नियम कानून हैं। इसीलिए 25 वर्षों से उत्तरकाशी के दुर्गम इलाकों में प्राथमिक शिक्षा में योगदान देने वाली उत्तरा पंत बहुगुणा जो एक विधवा हैं, उनके लिए मुख्यमंत्री द्वारा जिला कैडर का हवाला देते हुए देहरादून स्थानान्तरण में असमर्थता ही नहीं जताई बल्कि महिला द्वारा अपने पक्ष में तर्क रखे जाने पर पहले मुख्यमंत्री द्वारा उन्हें निलम्बित करने व बाद में उनको बाहर कर गिरफ्तार करने के आदेश दिये गये। इसी के विपरीत स्वयं मुख्यमंत्री की धर्म पत्नी जिनकी मूल नियुक्ति पौड़ी जनपद के एक प्राथमिक विद्यालय में वर्ष 1992 में हुई थी, वे केवल चार वर्ष पौड़ी जनपद में सेवा देने के पशचात देहरादून स्थानान्तरित कर दी गई और पिछले 22 वर्षों से देहरादून के एक ही विद्यालय में सेवा दे रही हैं। इसी प्रकार से राज्य के अनेक मंत्रियों, सत्ताधारी दल के नेताओं एवं प्रभावशाली लोगों के परिजन सुगम स्थानों में सरकार की कृपा से बने हुए हैं।
प्रीतम सिंह ने कहा कि उत्तरा पंत बहुगुणा के साथ जिस प्रकार का दुव्र्यवहार किया गया और उसके बाद उनका निलम्बन किया गया यह पूरे राज्य की नारीशक्ति का अपमान है। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड राज्य निर्माण में राज्य की नारी शक्ति का महत्वपूर्ण योगदान है और राज्य में विकास की धुरी हमारी मात्रशक्ति है। किसी भी राजनेता को सत्ता का इतना गुरूर नहीं होना चाहिए कि वो मातृशक्ति का अपमान करे। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राज्य की सरकार तत्काल उत्तरा पंत का निलम्बन वापस ले व मुख्यमंत्री अपने कृत्य के लिए क्षमा याचना करें अन्यथा कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता सरकार के विरुद्ध अपना आन्दोलन जारी रखेंगे। उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्रवान किया कि एक जुलाई को भारी संख्या में सरकार के इस दोहरे मापदण्ड और मुख्यमंत्री के कृत्य के खिलाफ 10:30 बजे से गांधी पार्क मे होने वाले धरने को सफल करें।
शनिवार के प्रदर्शन में उत्तराखण्ड विधानमण्डल दल के उप नेता करण महरा, विधायक हरीश धामी, प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना, महिला अध्यक्षा सरिता आर्य, पूर्व विधायक गणेश गोदियाल, राजकुमार, डाॅ.संजय पालीवाल, मुख्य कार्यक्रम समन्वयक राजेन्द्र शाह, उपपध्यक्ष सुरेश बाल्मीकि, राजेन्द्र सिंह भण्डारी, नवीन जोशी, गोदावरी थापली, प्रमोद कुमार सिह, अजय सिंह, सुरेन्द्र रांगड़, जिलाध्यक्ष यामीन अंसारी, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, महेश जोश, प्रवक्ता डाॅ. आर.पी. रतूड़ी, गरिमा दसौनी, प्रभुलाल बहुगुणा, जिलाध्यक्ष जयेन्द्र रमोला, भरत शर्मा, राजेश पाण्डे, इन्दु मान, जगदीश धीमान सहित तमाम कार्यकर्ता उपस्थित रहे।