मध्य प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने भी नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में फांसी की सजा का प्रावधान किए जाने की पैरवी की। इस संबंध में उन्होंने भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में जानकारी दी। हालांकि, कानून में संशोधन का अधिकार केंद्र सरकार के पास है। इसलिए राज्य सरकार जल्द विधानसभा में विधेयक पारित कर केंद्र सरकार को इसका प्रस्ताव भेजी। सीएम ने कहा कि अगले विधानसभा सत्र में प्रस्ताव लाएगा ताकि आरोपितों को सजा मिल सके और कोई ऐसा इस तरह का दुस्साहस न कर सके।
गुरुवार को काशीपुर में आयोजित भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिहं रावत ने बताया कि राज्य सरकार के कार्यों को लेकर कार्यकर्ताओं में उत्साह है। उन्होंने बताया बैठक में सरकार के कार्यों की समीक्षा के साथ ही भविष्य में आने वाली चुनौतियों से निपटने व तय किए गए कार्यक्रमों को पूरा करने की रणनीति तय की गई है। सीएम ने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश, सबका विकास की अवधारणा के साथ सरकार काम कर रही है। एक सवाल के जवाब में सीएम ने कहा कि घोटाला, घोटाला होता है, वह चाहे किसी भी दल की सरकार के कार्यकाल में हुआ हो। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार करने वाला कोई भी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। सीएम ने कहा कि जांच में जो भी नाम सामने आएंगे, उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।
सीएम ने बताया कि देश का उत्तराखंड पहला राज्य है, जहां पर आयुष्मान भारत योजना में 26 लाख लोग लाभांवित होंगे। इसमें देश के किसी भी अस्पताल में इलाज कराने वालों पर पांच लाख रुपये तक सरकार खर्च करेगी। इस पूर्व बैठक में उन्होंवने कहा कि थराली विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की जीत हुई थी। जिला पंचायत के रिक्त पांच सीटों में से चार पर भी भाजपा की जीत दर्ज की। अब जल्द ही सहकारिता चुनाव होने वाला है। इसके लिए कार्यकर्ताओं को अभी से एकजुट होने को कहा गया है। इस मौके पर राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक समेत तमाम भाजपा प्रदेश पदाधिकारी मौजूद थे।
नाबालिगों से रेप के मामले में फांसी के मामले में वित्तस एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने बताया कि इंडियन पीनल कोड(आइपीसी) में किसी भी तरह का बदलाव केंद्र सरकार के स्तीर से ही किया जा सकता है। यह समवर्ती सूची का मामला है। इसलिए राज्य। विधानसभा नाबालिग बालिकाओं से दुष्केर्म के मामलों में फांसी की सजा के प्रावधान के लिए विधानसभा से विधेयक पारित कर राष्ट्रापति को मंजूरी के लिए भेजेगी।
प्रदेश में भारी वर्षा से हुए नुकसान के सवाल पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस हेतु सभी जिलाधिकारियों को 50-50 लाख रूपये की धनराशि दी जा चुकी है, उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि आपदा पीड़ितों को त्वरित राहत एवं अहेतुक सहायता उपलब्ध करायी जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा से हुए नुकसान का आंकलन के कार्य में समय लगता है फिर भी हमारी कोशिश है कि शीघ्र अतिशीघ्र इसका आंकलन कर लिया जाए ताकि प्रभावितों को राहत पहुंचाई जा सके। उन्होंने कहा कि आपदा पीड़ितों की मदद के लिये धनराशि की कमी नही होने दी जायेंगी।