डाक कांवड़ वाहनों को वापस भेजना चुनौती भरा

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हरिद्वार, अधूरा हाईवे डाक कांवड़ के दौरान मुसीबत का सबब बनने जा रहा है। विश्व की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा माना जाने वाले कांवड़ मेले में डाक कांवड़ सबसे संवेदनशील चरण होता है। पिछले कुछ वर्षो से डाक कांवड़ लेने आने वाले कांवड़ियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मेले के अंतिम चरण में चलने वाली डाक कांवड़ के दौरान लाखों की संख्या में शिवभक्त वाहनों पर सवार होकर जल लेने के लिए हरिद्वार पहुंचते हैं। डाक कांवड़ वाहनों में चौपहिया से लेकर दोपहिया वाहन लाखों की संख्या में होते हैं। जल भरने के पश्चात डाक कांवड़िए हाईवे से ही सड़क पर दौड़ लगाते हुए अपने गंतव्यों की और वापस लौटते हैं।

डाक कांवड़ में गंतव्य तक पहुंचने का समय निर्धारित होता है। निर्धारित समय में अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए डाक कांवड़ वाहन बेहद तेज गति सड़कों पर दौड़ते हैं। ऐसे में बहादराबाद से लेकर हाईवे की खराब हालत की वजह से पुलिस प्रशासन के लिए डाक कांवड़ वाहनों को वापस भेजना चुनौती भरा होगा। बहादराबाद से लेकर दूधाधारी चौक तक कई स्थानों पर हाईवे बुरी तरह क्षतिग्रस्त है। जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे, मिट्टी व पत्थर के ढेर लगे हुए हैं। बरसात होने पर पानी भरने व कीचड़ होने हाईवे की हालत और भी खराब हो जाती है। सिंहद्वार से लेकर प्रेमनगर चौक, शंकराचार्य चौक, चण्डी चौक, दूधाधारी चौक तक निर्माण अधूरा होने की वजह से सड़क संकरी हो गयी है। ऐसे में हजारों की संख्या में एक साथ सड़कों पर तेज गति से दौड़ने वाले डाक कांवड़ वाहन चालकों के सामने कई तरह की परेशानियां आनी स्वाभाविक हैं।
प्रशासन के सड़कों को गढ्ढा मुक्त करने दावे कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। आधे अधूरे हाईवे पर डाक कांवड़ के दौरान दुर्घटनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है। सड़क में बने गढ्ढे व पत्थर वाहन चालकों के लिए मुसीबत का सबब बन सकते हैं। रात्रि के समय हाईवे पर और ज्यादा परेशानियां शिवभक्तों को झेलनी पड़ सकती हैं।