14 की उम्र से 40 साल बाद भी कांवड़ का सफर जारी

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हरिद्वार, सावन महीने में कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व बताया गया है। देशभर से बड़ी संख्या में भोले भक्त मां गंगा का जल लेकर विभिन्न देवालयों में चढ़ाने के लिए जा रहे हैं। आस्था के इस महान समागम में कई प्रकार के अनूठे रंग देखने को मिल रहे हैं। ऐसी ही बेजोड़ आस्था का एक उदाहरण हैं, हरियाणा के प्रेम सिंह।

हरियाणा पानीपत के प्रेम सिंह अपने आप में मिसाल है। प्रेम चंद्र आज बुढ़ापे की दहलीज में कदम रख चुके हैं, लेकिन उनका हौसला आज भी जवान है। प्रेम सिंह बताते हैं कि जब वे14 साल के थे, तब उन्होने कांवड़ यात्रा की शुरुआत की थी। तब से आज तक प्रेम सिंह 40 साल से लगातार कांवड़ ले जा रहे हैं। प्रेम सिंह की कांवड़ यात्रा इस मायने में भी नायाब है कि वे गंगा के उद्गम स्थल गौमुख से कांवड़ भरते हैं, जिसके बाद पैदल हरिद्वार तक की यात्रा तय करते हैं। जहां वह हरकी पौड़ी पर स्नान करने के बाद हरियाणा के पानीपत जिले में अपने गांव सिरसाणा में शिव का जलाभिषेक करते हैं। प्रेम सिंह विगत 40 सालों से लगातार 600 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर अपनी आस्था के पुष्प भगवान को चढ़ाते हैं। इस बार प्रेम सिंह अपने साथ अपने मित्रों को भी इस यात्रा में लेकर निकले हैं।