मुंबई, बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन 43 साल बाद भी फिल्म ‘शोले’ को नहीं भूले। सोशल मीडिया पर फिल्म ‘शोले’ का पोस्टर और शूटिंग के समय के फोटोज़ शेयर करते हुए अमिताभ बच्चन ने लिखा, ‘ ‘शोले’ फिल्म के 43 साल..और कुछ कहने की जरूरत नहीं, 15 अगस्त को ही रिलीज हुई थी।’ इस फिल्म को उस वर्ष फिल्म फेयर अवार्ड में केवल फिल्म संपादन श्रेणी में ही अवार्ड मिला था।
बॉलीवुड की महानतम् फिल्म कही जाने वाली ‘शोले’ 15 अगस्त, 1975 को रिलीज हुई थी। ‘शोले’ को दुनियाभर में बॉलीवुड की प्रतिनिधि फिल्म का दर्जा मिला हुआ है। बीबीसी ने उसे सदी की महानतम् बॉलीवुड फिल्म कहा है। अमेरिकी विश्वविद्यालयों में फिल्म और भारतीय सिनेमा से जुड़े पाठ्यक्रमों में ‘शोले’ को बॉलीवुड की प्रतिनिधि फिल्म बताया जाता है।
सलीम-जावेद की कहानी कइयों ने की थी रिजेक्ट:
15 अगस्त, 1975 को रिलीज हुई बॉलीवुड फिल्म ‘शोले’ की अपनी दास्तां बड़ी रोचक है। ‘शोले’ के मुख्य किरदारों में अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, हेमामालिनी, जया भादुड़ी बच्चन, संजीव कुमार, अमजद खान सहित कई ख्यात बॉलीवुड कलाकार शामिल थे।
‘शोले’ की कहानी लेखक जोड़ी सलीम-जावेद ने लिखी थी। सलीम खान, बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान के पिता हैं। जावेद अख्तर बाद में गीतकार के रूप में ख्यात हुए। बताया जाता है कि सलीम-जावेद को ‘शोले’ की कहानी लिखने की प्रेरणा तब चंबल के एक डाकू के बारे में जान कर मिली थी। हालांकि उनकी इस कहानी को कई तत्कालीन फिल्म निर्माताओं ने बकवास कह कर रिजेक्ट कर दिया था। तब के स्टार बॉलीवुड प्रोड्यूसर मनमोहन देसाई, प्रकाश मेहरा तक को ‘शोले’ का आइडिया पसंद नहीं आया था। बाद में जीपी सिप्पी ने इस पर फिल्म निर्माण करने का फैसला किया और ‘शोले’ के निर्देशन की कमान अपने युवा बेटे रमेश सिप्पी को सौंपी।
डैनी बनने वाले थे गब्बर सिंह:
बताया जाता है कि फिल्म में गब्बर सिंह का किरदार पहले डैनी को ऑफर किया गया था, जो किसी दूसरी फिल्म की शूटिंग में व्यस्त थे और रोल तब न्यूकमर अमजद खान को मिल गया और अमजद खान रातोंरात सुपरस्टार बन गए। लेकिन ये त्रासदी ही रही कि अमजद खान ताउम्र गब्बर सिंह की छवि से नहीं निकल पाए। दरअसल जया भादुड़ी और डैनी एफटीआईआई, पुणे में फिल्म का कोर्स करते समय से अच्छे दोस्त थे। बताया जाता है कि जया ने ही गब्बर के रोल के लिए अपने दोस्त डैनी की सिफारिश की थी।
कैसे मनाया धर्मेंद्र को ‘ठाकुर’ नहीं ‘वीरू’ बनने के लिए सिप्पी ने:
बॉलीवुड स्टार धर्मेंद्र फिल्म में ठाकुर का रोल करना चाहते थे। उन्हें लगता था कि ठाकुर का रोल ज्यादा दमदार है। वीरू के रोल में उन्हें जय के साथ स्क्रीन शेयर करना होगा। इसीलिए धर्मेंद्र ‘शोले’ में ठाकुर का रोल ही करने को लेकर अड़ गए। उन्होंने कहा कि संजीव कुमार को वीरू का रोल दे दो और मुझे ठाकुर का लेकिन रमेश सिप्पी उन्हें वीरू के किरदार के लिए पसंद कर चुके थे। साथ ही वे ‘ठाकुर’ के रोल के लिए संजीव कुमार को फाइनल कर चुके थे। धर्मेंद्र थे कि मानने को राजी नहीं। ऐसे में रमेश सिप्पी को तब बॉलीवुड में चल रहे एक गॉसिप से मदद मिली। हेमामालिनी उस वक्त कुंवारी थी और बॉलीवुड के कई स्टार उनके दीवाने बताए जाते थे। कहा जाता है कि हेमामालिनी से शादी करने के लिए संजीव कुमार, जितेन्द्र और धर्मेंद्र तीनों ही कोशिश कर रहे थे। बस रमेश सिप्पी ने यही बात पकड़ी और धर्मेंद्र को समझाया कि फिल्म में ‘वीरू’ का किरदार ही ‘बसंती’ के साथ प्यार करेगा। क्योंकि बसंती के किरदार में हेमामालिनी थी, इसीलिए यदि संजीव कुमार को वीरू का रोल दिया, तो वे हमेशा हेमामालिनी के साथ रोमांटिक सीन में रहेंगे। बस इतना सुनते ही धर्मेंद ‘वीरू’ के किरदार के लिए तुरंत राजी हो गए।
बहुत खराब ओपनिंग थी ‘शोले’ की, लगा सुपरफ्लॉप होगी:
‘शोले’ की ओपनिंग बहुत खराब रही थी। पहले दो हफ्ते तक तो सिनेमा हॉल खाली से रहे थे लेकिन धीरे-धीरे माउथ पब्लिसिटी और ‘शोले’ के साउंड ट्रैक के साथ फिल्म के डॉयलॉग, कैसेट में रिलीज किए गए। ये अपने आप में बॉलीवुड में पहला तरीका था। जिसके बाद ‘शोले’ की प्रसिद्धि ने जोर पकड़ा और फिर जो हुआ वो इतिहास रचने वाला था। ‘शोले’ ने बॉलीवुड में कई कीर्तिमान स्थापित किए। मुंबई के मिनर्वा सिनेमा हॉल में पांच साल तक उसके शो चलते रहे। पूरे देश में ‘शोले’ ने 100 से ज्यादा जगहों पर सिल्वर जुबली और 60 से ज्यादा जगहों पर गोल्डन जुबली मनाई थी, जो अपने आप में एक रिकार्ड है। ‘शोले’ को लागत-कमाई के समीकरण के आधार पर बॉलीवुड की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म भी कहा जाता है। ‘शोले’ के डॉयलॉग के कैसेटों की ब्रिकी का ही रिकार्ड बन गया था। वैसे उस समय के बॉक्स ऑफिस कमाई के आंकड़े आज की तरह उपलब्ध नहीं हो पाते थे, फिर भी अनुमान के तह्त ‘शोले’ ने अपनी लागत का पांच गुना से ज्यादा कमाया था। आज के हिसाब से ‘शोले’ कई सौ करोड़ कमा चुकी है।
अमर हो गए ‘शोले’ के सारे किरदार और दृश्य:
‘शोले’ के डॉयलॉग और दृश्य अमर हो गए। गब्बर (अमजद खान), जय (अमिताभ बच्चन), वीरू (धर्मेंद्र), बसंती (हेमामालिनी), ठाकुर (संजीव कुमार) ही नहीं हरिराम नाई (क्रेस्ट्रो मुखर्जी), जेलर (असरानी), सूरमा भोपाली (जगदीप), मौसी (लीला मिश्रा), सांभा (मैकमोहन), कालिया (वीजू खोटे), रामलाल (सत्येन कप्पू) आज तक लोगों के जहन में ताजा हैं और इन किरदारों का जिक्र बार-बार सोशल मीडिया, टीवी शोज़ में होता है।
इसी तरह ‘शोले’ के सीन अपने आप में अमर हो गए। जय और मौसी के बीच वीरू और बसंती की शादी को लेकर बात हो, या वीरू का पानी की टंकी पर चढ़ जाना, अंग्रेजों के जमाने के जेलर का सीन हो या हरिराम नाई, सूरमा भोपाली के किस्सेगोई हों या गब्बर का अपने तीनों साथियों से संवाद, ‘शोले’ का हर दृश्य आज भी बार-बार दोहराया जाता है।