नई दिल्ली, नीला माधव पांडा द्वारा निर्देशित फिल्म ‘हल्का’ देश में शौचालय की समस्या को दर्शाती है। इस फिल्म को लेकर वरुण धवन ने कहा कि देश में शौचालय की कमी होने कारण ही लोग खुले में शौच करते हैं।
वरुण ने कहा कि इस फिल्म में सड़कों पर रहने वाले, झुग्गी-झोंपड़ियों में रहने वाले बच्चों को दिखाया गया है जो रेल की पटरियों पर या खुले में शौच करते हैं। इस फिल्म में बाल कलाकारों ने बेहतरीन अभिनय किया है। उन्होंने कहा कि लोग शौचालय की सुविधा चाहते हैं| अगर उन्हें यह सुविधा नहीं मिलेगी तो वे खुले में ही करेंगे। वरुण ने कहा कि नीला माधव की यह फिल्म एक मजबूत संदेश देती है।
वरुण धवन ने खुले में शौच को लेकर अपना एक अनुभव साझा करते हुए कहा कि मैं जब छह साल का था| अपने कजिन के साथ इंग्लैंड में बस से सफर कर रहा था| मुझे टॉयलेट जाना था, लेकिन बस में टॉयलेट नहीं था। मैं बस से उतरा और भागकर एक पार्क में गया और लघुशंका किया| तब मैं छोटा था| मुझे इतनी जानकारी नहीं थी कि मैंने उस पार्क को जंगल समझ लिया। इसलिए पार्क के गार्ड ने मुझे छोड़ दिया।
यह फिल्म आज 7 सितम्बर को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। फिल्म ‘हल्का’ दिल्ली की झोंपड़ी में रहने वाले आठ साल के बच्चे की कहनी है जो शौचालय की सुविधा के लिए शासन-सत्ता के खिलाफ अवाज उठाता है। इस फिल्म में रणवीर शौरी, पाउली डैम मुख्य भूमिका में हैं।
उल्लेखनीय है कि नीला माधव बाल श्रम, जलवायु परिवर्तन, शिक्षा, स्वच्छता जैसे कई विकास संबंधी मुद्दों पर फिल्म बना चुके हैं। माधव की ‘आई एम कलाम’ फिल्म के लिए 32 अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार और इस फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने वाले बाल कलाकार हर्ष मयार को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार के लिए सम्मानित किया गया था।