ऋषिकेश। केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे क्लीनिकल एक्ट के खिलाफ 12 सितंबर को ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के अंतर्गत सभी अस्पतालों में डॉक्टर कार्य से बहिष्कार करेंगे।
सोमवार को ऋषिकेश प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान आईएमए ऋषिकेश शाखा के अध्यक्ष डॉ. हरिओम प्रसाद ने जानकारी दी कि 13 सितंबर को अस्पताल में उपचार करा रहे, सभी मरीजों को छुट्टी दे दी जाएगी और 15 सितंबर से अपने चिकित्सालय को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया की केंद्र सरकार द्वारा कुछ अनुरोध पर संविधान के अनुच्छेद 252 के अधीन संसद द्वारा बनाए गए 2010 कानून के अंतर्गत उत्तराखंड राज्य में कार्यरत सभी निजी क्लीनिकों के डॉक्टर अपने व्यवसाय को लेकर काफी चिंतित हैं। जो मानक उत्तराखंड में लागू किए जा रहे हैं,उन पर यहां कोई भी चिकित्सक खड़ा नहीं हो पाएगा। जिसके कारण अपना इलाज कराने वाले मरीजों पर इसका प्रभाव पड़ेगा। इस अधिनियम के अंतर्गत सरकारी एवं गैर सरकारी चिकित्सालयों के लिए अलग-अलग मापदंडों का निर्धारण किया गया। जो मूल अधिकारों का हनन है।
डॉ. हरिओम प्रसाद ने कहा कि भारत का संविधान की सातवीं अनुसूची की द्वितीय सूची क्रमांक 6 पर लोक स्वास्थ्य, स्वच्छता, अस्पताल और औषधालय सभी राज्यों के विधायी क्षेत्राधिकार में है संविधान निर्माताओं ने इस विषय को राज्य के विधायी क्षेत्राधिकार में इसे रखा। क्योंकि प्रत्येक राज्य की भौगोलिक सामाजिक तथा आर्थिक परिस्थितियां हर एक राज्य में भिन्न-भिन्न है ताकि उन्हें ध्यान में रखते हुए प्रत्येक रोगियों के नियम के संबंध में कानून बना सके। उन्होंने कहा इस कानून के लागू होने के बाद इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा मिलेगा। जो कमेटी गठित की गई है, उसमें पुलिस अधीक्षक नगर पुलिस आयुक्त को कमेटी का सदस्य बना दिया गया है, जबकि इस कमेटी में किसी भी चिकित्सक को नहीं रखा गया है। पुलिस विभाग का कार्य अपराध रोकने एवं अपराधियों का अन्वेषण करना है। इस कमेटी में किसी भी डॉक्टर का ना होना तानाशाही को बढ़ावा देगा ।जिसका प्रभाव चिकित्सकों मरीजों तथा तीमारदारों पर भी पड़ेगा। प्रेस वार्ता में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ऋषिकेश के अध्यक्ष हरिओम प्रसाद, सचिन यू एस खरोला, कोषाध्यक्ष अमित अग्रवाल, आरके भारद्वाज, वीके पुरी, सोनम सक्सेना, रोहित उपाध्याय, विजय जोशी, राजेश अग्रवाल, हरीश द्विवेदी, अजय कुमार, नरेंद्र रतूड़ी, मनोज बहुखण्डी आदि भी उपस्थित थे।