उत्तराखंड में 24 घंटे में ओलावृष्टि की संभावना, 2 अक्टूबर तक मौसम शुष्क रहेगा

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देहरादून, राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के उपसचिव द्वारा जारी इस पूर्वानुमान में यह कहा गया है कि अगले 24 घंटे पर्वतीय क्षेत्रों में ओलावृष्टि के होंगे। इस अवधि में कहीं-कहीं ओलावृष्टि होंगी। विभाग द्वारा जारी इस पत्र में समस्त जिलाधिकारियों से कहा गया है कि वह प्रत्येक स्तर पर तत्परता बनाए रखते हुए सावधानी, सुरक्षा एवं आवागमन में नियंत्रण रखें। आपदा की स्थिति में स्थलीय निरीक्षण कर तुरंत सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाए।

भारतीय मौसम विज्ञान प्रणाली के नामित समस्त अधिकारी हाई अलर्ट पर रहें और मोबाइल तथा वायरलैस अपडेट रखें। पत्र में यह भी कहा गया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग, लोक निर्माण विभाग, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना एडीबी, सीमा सुरक्षा सड़क संगठन तथा मार्गों से संबंधित सभी विभाग मोटरमार्गों के बाधित होने पर तुरंत खुलवाना सुनिश्चित करें। इसी प्रकार अन्य अधिकारियों को भी निर्देश हैं कि वह अपने कार्य क्षेत्रों में उपस्थित रहे ताकि किसी भी समस्या से तुरंत निपटा जा सके।

प्रमुख नदियों तथा नदी क्षेत्रों के समीपस्थ लोगों की सुरक्षा पर ध्यान रखने कहा गया है। 15 सूत्री इस निर्देश में उप सचिव गोकुलानंद पंत ने अधिकारियों से सतर्क रहने को कहा है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया है कि 27 सितंबर को गंगोत्री यमुनोत्री धाम में 4230 यात्रियों ने दर्शन किए जिनमें गंगोत्री में 1651 तथा यमुनोत्री में 2579 यात्री शामिल है। इसी अवधि में बद्रीनाथ में 4810 यात्री दर्शन करने पहुंचे, जबकि 4524 यात्री रूके हुए थे। जबकि केदारनाथ में 911 यात्री दर्शन करने के लिए गए जबकि 55 वहां पहले से ही रुके हुए थे। हेमकुंड में 746 यात्री दर्शन करने पहुंचे जबकि 35 पहले से ही रूके हुए थे। इस अवधि में भगीरथी नदी का जल स्तर खतरे के निशान से नीचे था। खतरे का स्तर 1123.00 मीटर है जबकि भागीरथी तिलोथ में 1119.10 मीटर पर बह रही थी। टिहरी बांध का अधिकतम जल स्तर 826.00 मीटर था जबकि 10325 क्यूसेक मीटर पानी छोड़ा गया। इस अवधि में देहरादून के दो माटरमार्ग अवरुध है जिन्हें खोला जा रहा है। सूचना के अनुसार अलकनदा जिसका खतरे का निशान 536.00 मीटर है, वह तीन मीटर नीचे बह रही है। जबकि पौड़ी के 13 मार्ग अवरूद्ध है जिन्हें खोलने का प्रयास जारी है। हरिद्वार में गंगा 294.00 मीटर के खतरे के निशान से नीचे 291.40 मीटर पर बह रही है। हरिद्वार में एक जिला मार्ग अवरूद्ध है जिसे खोला जा रहा है। इसी प्रकार चमोली में राष्ट्रीय राजमार्ग 58 ऋषिकेश बदरीनाथ मार्ग खुला हुआ है। प्रात: 8 बजे यहां की नदियों की स्थिति खतरे के निशान से नीचे थी। अलकनंदा 952.90 मीटर, नंदाकिनी 867.45 मीटर तथा पिंडर 768.58 मीटर पर बह रही थी। जनपद में सात ग्रामीण मोटर मार्ग अभी भी अवरुद्ध है जिन्हें खोलने का प्रयास जारी था। रुद्रप्रयाग में नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से नीचे हैं। अलकनंदा 620.40 मीटर तथा मंदाकिनी 420 मीटर पर बह रही थी। बागेश्वर में सरयू और गोमती नदी खतरे के निशान से नीचे बह रही है। सरयू 865.90 मीटर, गोमती 863.00 मीटर पर बह रही थी। यहां केवल तीन ग्रामीण मोटर मार्ग बंद है। चंपावत में शारदा नदी खतरे के निशान से नीचे बह रही है। पिथौरागढ़ में कालीनदी, गोरी, सरयू तीनों खतरे के निशान से काफी नीचे है। जहां काली नदी धारचूला में 888.00 मीटर पर बह रही थी वहीं जौलजीवी में गोरी नदी 604 मीटर तथा घाट में सरयू 446.50 मीटर पर बह रही है। पिथौरागढ़ में केवल दो सड़केे अवरुद्ध है। मौसम विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 2 अक्टूबर तक आंशिक रूप से बादल रहेंगे और मुख्यत: मौसम शुष्क रहेगा।