(देहरादून) मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने आवास से मसूरी मार्ग पर ट्रायल रन के लिए इलेक्ट्रिक बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ट्रायल के लिए बस निर्माता कंपनी के अधिकारी भी तमिलनाडू से दून पहुंचे हैं।
परिवहन सुविधाओं में बढ़ोत्तरी के साथ ही पर्यटन व पर्यावरण का ख्याल रखते हुए सरकार ने प्रदेश में इलेक्ट्रिक रोडवेज बसों के संचालन को मंजूरी दी है। इसके पहले चरण में दून-मसूरी और हल्द्वानी-नैनीताल मार्ग 25-25 बसें संचालित करने को कहा गया। इसके तहत रोडवेज ने बस कंपनियों से प्रस्ताव मांगे गए थे। तमिलनाडू की एक कंपनी ने करीब एक करोड़ की कीमत की एक बस ट्रायल करने के लिए दून भेज दी है। पर्वतीय मार्गों को देखते हुए बस 166 व्हीलबेस की है।
तय कार्यक्रम के अंतर्गत चार अक्टूबर को बस का दून-मसूरी मार्ग पर ट्रायल रन होना था, मगर ऐन वक्त पर कार्यक्रम बदल दिया गया। फिर तय हुआ कि प्रदेश की पहली इन्वेस्टर समिट के ही दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उद्योगपतियों के सामने प्रदेश की पहली इलेक्ट्रिक बस के उद्घाटन किया जाए। जिस पर बस का ट्रायल सात अक्टूबर तक टाल दिया गया। लेकिन कार्यक्रम की व्यस्तता के चलते यह संभव नहीं हो पाया।
मंगलवार सुबह मुख्यमंत्री आवास से बस को सीएम ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
बस में पैनिक बटन, कैमरा भी
इलेक्ट्रिक बस अत्याधुनिक सुविधाओं व सुरक्षा उपकरणों से लैस है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए बस में हर सीट पर पैनिक बटन भी लगा है। सीसी कैमरे व जीपीएस भी बस में लगे हुए हैं।
ट्रायल से पहले बस का परीक्षण
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से पहले रोडवेज अधिकारियों ने सोमवार को बस का मसूरी मार्ग पर परीक्षण किया। महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि बस ने सामान्य बसों की तरह मसूरी पहुंचने का वक्त लिया। बस पर अभी कंपनी का ही चालक तैनात रहेगा। ये बस सोमवार को खाली चलाई गई, लेकिन मंगलवार से बस यात्रियों को लेकर मसूरी आया-जाया करेगी।