कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए उन पर राफेल युद्धक विमान खरीद सौदे में कथित भ्रष्टाचार से जुड़े सबूतों को नष्ट करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी के प्रमुख को रात दो बजे पद से हटाना इस बात का प्रमाण है कि राफेल सौदे में भ्रष्टाचार हुआ है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी मुख्यालय में कहा कि, “सीबीआई निदेशक की नियुक्ति तीन लोगों की समिति करती है, जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं और विपक्ष के नेता व देश के मुख्य न्यायाधीश इसके सदस्य होते हैं।प्रधानमंत्री ने रात को दो बजे सीबीआई निदेशक को पद से हटा दिया। यह देश के संविधान, मुख्य न्यायाधीश और विपक्ष के नेता समेत समस्त जनता का अपमान है। पूरी तरह से गैरकानूनी और आपराधिक है। “उ
न्होंने एम. नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बनाए जाने पर भी सवाल उठाए। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सीबीआई राफेल सौदे में प्रधानमंत्री की भूमिका और कथित भ्रष्टाचार की जांच करने जा रही थी, इसीलिए रात दो बजे सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को हटा दिया गया। राहुल ने कहा कि अगर राफेल सौदे की जांच हो गई तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। देश को पता चल जाएगा कि प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार के जरिए अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाया है।
उन्होंने कहा कि सीबीआई निदेशक के कमरे को सील किया गया और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज हटाए गए। अब सरकार वर्मा की जासूसी करा रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने संवाददाता सम्मेलन कर प्रधानमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने प्रधानमंत्री और देश के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिख यह पूछा है कि आखिर सरकार ने सीबीआई निदेशक के मामले को कमेटी के सामने क्यों नही रखा। प्रधानमंत्री स्वयं उस कमेटी के अध्यक्ष हैं और उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और विपक्ष के नेता उसके सदस्य। उन्होंने कहा कि यह कमेटी ही सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति करती है, लेकिन सरकार ने जांच एजेंसी के मुखिया को हटाते हुए कमेटी से पूछना उचित नहीं समझा।