देहरादून, प्रदेश सरकार इस बार निकाया चुनाव बैलेट पेपर से कराने जा रही है। बैलेट पेपर में भी पहली बार नोटा का अधिकार का प्रयोग किया जा सकेगा। क्योंकि राज्य चुनाव आयुक्त ने बैलेट पेपर में नोटा की व्यवस्था करने के आदेश दे दिये हैं। इवीएम मशीनों में नोटा का अधिकार होता है उसकी की तर्ज पर बैलेट पेपर में नोटा होगा। नोटा का चिन्ह बैलेट पेपर के आखिर में होगा।
उत्तराखंड में चौथी बार निकाय चुनाव होने जा रहे हैं लेकिन मतदाताओं को पहली बार नोटा का अधिकार मिलने जा रहा है। राज्य में 2003, 2008 और 2013 में निकाय चुनाव हुए हैं जिसमे नोटा विकल्प नही रखा गया है लेकिन इस बार पहली दफा निकाय चुनाव के दौरान मतदाताओं को सभी प्रत्याशियों को नकारने का अधिकारी मिल गया है। इसके लिए मतपत्रों में नोटा के विकल्प को छापे जाने का आदेश दिया गया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने मतपत्रों में नोटा का विकल्प डालने के आदेश जारी किए हैं इसके लिए मतपत्रों की छपाई के दौरान नोटा विकल्प को रखने के लिए कहा गया है। दरअसल मतदाताओं को बूथों तक खींचने के लिए राह राज्य निर्वाचन आयोग हर संभव प्रयास करता रहा है। नोटा का अधिकार देना भी इसी प्रयास में शामिल है। इसके जरिये वो लोग भी बूथों तक पहुंचेंगे जो सिस्टम और राजनीतिक दलों से नाराज हैं और किसी को भी पसंद नही करते। इसके जरिये सिस्टम और राजनेताओं को भी आईना दिखाया जाता है।
निकाय चुनाव-2018 के महासमर में इस बार प्रदेश के 84 निकायों में महापौर समेत विभिन्न पदों के लिए 5285 उम्मीदवारों ने नामांकन किया है। इससे पूर्व 2013 में हुए निकाय चुनाव में 4849 प्रत्याशियों ने नामांकन किया था। नामांकन प्रक्रिया संपन्न होने के बाद अब 26 अक्टूबर तक नामांकन पत्रों की जांच की जायेगी।
प्रदेश के 94 निकायों में से जिन 84 निकायों में चुनाव हो रहे हैं उनमें 7 नगर निगम, 39 नगर पालिका और 38 नगर पंचायतें शामिल हैं। एक नजर इनमें दावेदारी कर रहे प्रत्याशियों की संख्या पर। प्रदेश के 7 नगर निगमों में महापौर के पद के लिए 74 तो पार्षद के लिए 2023 दावेदारों ने नामांकन किया है। 39 नगर पालिकाओं में अध्यक्ष पद के लिए कुल 331 और सभासद के लिए 1715 लोग दावेदारी जता रहे हैं। 38 नगर पंचायतों के लिए अध्यक्ष पद पर 245 तो सदस्य पदों के लिए 897 लोगों ने नामांकन पर्चा दाखिल किया है।
इस बारे में राज्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट ने कहा कि निकाय चुनाव के तहत 18 नवंबर 2018 को मतदान सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा। उन्होंने आगे कहा कि वोटों की गिनती 20 नवंबर को सुबह 8 बजे से कार्यसमाप्ति तक की जायेगी। बहरहाल, नाम वापसी की तिथि 27 अक्टूबर के बाद चुनावी समर का आगाज भी पूरी तरह से साफ हो जायेगा। 29 अक्टूबर को चुनाव चिह्न आवंटन किया जायेगा और फिर चुनाव प्रचार जोर पकड़ने लगेगा।
नोटा का अधिकार मिलने से उन लोगों को गुस्सा सामने आयेगा जो छोटी सरकार के प्रत्याशियों ने नाराज चल रहे हैं। साथ ही इससे यह भी साफ होगा कि अपने चहते को टिकट ने मिलने पर जा व्यक्ति किसी अन्य पार्टी को अपना मत नहीं देना चहता है तो वह भी नोटा के प्रयोग कर सकता है।