देहरादून, गंगा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले प्रोफेसर जीडी अग्रवाल वर्तमान में स्वामी सानंद अपनी लड़ाई को लड़ते लड़ते अंतिम यात्रा में निकल गए और अपने शरीर को मेडिकल स्टूडेंट के लिए दान कर गए उनकी मृत्यु के पश्चात अंतिम दर्शनों को लेकर ऋषिकेश एम्स प्रशासन और स्वामी सानंद के अनुयायीयो मे गतिरोध बना रहा जिस पर आज हाई कोर्ट ने सुनवाई कर आदेश पारित किया है
हाई कोर्ट ने गंगा रक्षा के लिए बलिदान दे चुके पर्यावरणविद जीडी अग्रवाल ऊर्फ ज्ञानस्वरूप सानंद का पार्थिव शरीर आठ घंटे में मातृ सदन भेजने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही 76 घंटे तक मातृ सदन में अंतिम दर्शन के लिए रखने के आदेश भी दिए
गौरतलब है कि स्वामी सानंद का पार्थिव शरीर एम्स ऋषिकेश में है। हरिद्वार निवासी व जीडी अग्रवाल के अनुयायी डॉ. विजय वर्मा ने याचिका दायर कर कहा था कि अंतिम दर्शन भी नहीं करने दिए जा रहे हैं। याचिका में हिन्दू रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार की प्रक्रिया की अनुमति भी मांगी थी।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति मनोज तिवारी की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद आठ घंटे के भीतर शव अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश से शव मातृसदन भेजने के आदेश पारित किए