गति फाउंडेशन ने रिलीज की प्रदेश में वायु प्रदूषण और उसका मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव पर रिपोर्ट

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देहरादून। पहाड़ों की हवाएं भी अब प्रदूषण में चपेट में आ गई हैं। अगर इसके खिलाफ आज कदम नहीं उठाया गया, तो आने वाली पीढ़ियां सिर्फ ‘सुंदर दून’ की कहानियां ही सुन पाएंगी। यह कहना है गति फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल का।

गति फाउंडेशन एवं प्रोविंशियल मेडिकल सविसेज (पीएमएस) डाक्टर्स एसोसिएशन की ओर से ‘उत्तराखंड में वायु प्रदूषण और उसका मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव’ पर डॉक्टर्स मीट का आयोजन किया गया  । महात्मा गांधी शताब्दी नेत्र हॉस्पिटल में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान गति फाउंडेशन की ओर से ‘उत्तराखंड मे वायु प्रदूषण के दुष्प्रभावों’ पर एक रिपोर्ट रिलीज की गई।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित मुख्य चिकित्सा अधिकारी महात्मा गांधी शताब्दी नेत्र हॉस्पिटल के सी.एम.एस डॉ. बीसी रमोला उपस्थित रहे, उन्होंने कहा कि, “इस तरह की रिपोर्ट का प्रकाश में आना अपने आप में एक नई पहल है। अक्सर लोगों को लगता है कि पेड़-पौधों से घिरे पहाड़ी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण नहीं होगा, लेकिन इस रिपोर्ट से साफ हो गया है कि अब हिमालयी क्षेत्र भी प्रदूषण की चपेट में आते जा रहे हैं।”

गति फाउंडेशन के मेडिकल हेल्थ स्पैशलिस्ट डॉ. रिमांत गुप्ता ने बताया कि, “विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार हर साल विश्व भर में लगभग 80 लाख लोगों की मृत्यु वायु प्रदूषण के कारण होती है।”  उन्होंने कहा कि, “भारत के विभिन विभागों को एकजुट होकर वायु प्रदूषण के खिलाफ कदम उठाने की जरूरत है। जबतक सरकारें आगे बढ़कर कदम नहीं उठाएंगी तबतक इस समस्या से हल नहीं पूर्ण रूप से नही निकाला जा सकता है।” बताया कि अब विस्तृत रूप से प्रदेश भर मे वायु प्रदूषण को लेकर गति फाउंडेशन जानकारी एकत्रित करेगी।

गति फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने बताया कि, “रिपोर्ट को रिलीज करने का उद्देश्य जनता को वायु प्रदूषण के प्रति जागरुक करना था। स्वास्थ्य विभाग भारत सरकार,पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया एवं ICMR की रिपोर्ट इंडिया स्टेट लेवल डिजीज बर्डन इनिशिएटिव 2016 के आंकड़ों के माध्यम से बताया की प्रदेश मे प्रतिवर्ष मृत्युओं मे वायु प्रदूषण का  रिस्क फैक्टर 9.3% है । निति आयोग के डेथ रेट के आंकड़ों के आधार पर प्रति वर्ष 6000 से अधिक मृत्यु का सबसे बड़ा कारण वायु प्रदुषण है।”

इस अवसर पर पूर्व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक अल्मोड़ा डॉ. एलएमएस उपरेती, पीएमएस एसोसिएशन के डॉ. डीपी जोशी, डॉ अमित जैन, डॉ जेपी नौटियाल, डॉ नके मिश्रा, समाजसेवी रविंद्र जुगरान और हॉस्पिटल स्टाफ, दून विश्वविद्यालय के छात्र, गति से प्यारेलाल, सूरज जायसवाल, अमन कंडवाल  आदि उपस्थित रहे।