बीजेपी के राजतिलक की तारीख 18 मार्च है उत्तराखंड के लिये खास

    0
    892

    शनिवार यानि 18 मार्च को “तारीख गवाह है” जुमला देहरादून में सच होता दिखेगा। उत्तराखंड के लिए यह तारीख इतिहास के पन्नों पर लिखी हुई है। साल भर पहले इसी दिन प्रदेश ने राजनितिक तख्ता पलट देखा था। इसके चलते कांग्रेस के विधायकों ने विधान सभा में ही पार्इटी और मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ बगावत कर सरकार को अल्पमत में ला दिया था। उस दिन से शुरु हुई सत्ता की लड़ाई ने कई राज्य ने राष्ट्रपति शासन, कानूनी लड़ाई और दलबदल की तसिवारों से प्रदेश को रूबरू कराया।

    एक बार फिर यह तारीख सामने हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि इस साल इस तारीख को होने वाले राजतिलक का लोगों पर क्या असर होगा।आपको बता दें कि पिछले साल 18 मार्च को बीजेपी पर प्रदेश में राजनितिक अस्थिरता फैलाने का आरोप लगा था।ठीक 1 साल बाद बीजेपी ने प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने जा रही है और राजतिलक करने के लिए भी इसी तारीख को चुना है।

    18 मार्च 2016 को विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विनियोग बिल पारित होने की प्रक्रिया के दौरान उत्तराखंड में नया इतिहास रचा गया था। सत्ताधारी पार्टी के 9 विधायकों ने पूर्व सीएम विजय बहुगुणा और हरक सिंह रावत की अगुवाई में सदन के अंदर ही बगावत कर दी थी। उस बगावत का नाम भले ही सत्ता में बदलकर जनहित में बगावत कर दिया गया हो लेकिन लड़ाई वो स्वार्थ के लिए ही थी।बीजेपी ने इस बगावत के चलते प्रदेश में सत्ता हासिल करने के लिए जी जान लगा दी थी। हरीश रावत सरकार बर्खास्त हुई, कानूनी दांव पेंच के बाद सरकार बहाल हुई।

    गौरतलब है कि इस वाक्ये के बाद बीजेपी पर सत्ता के लालची होने का आरोप लगा तो,सीएम रावत पर विधायक खरीद फरोख्त का इल्जाम लगा जिसका दाग कार्यवाहक सीएम आज भी धो रहे हैं और कहीं ना कहीं आज कांग्रेस की कड़ी शिकस्त का और रावत की हार का कारण भी यही दाग है।

    बात तो यह है कि इन सबके बाद बीजेपी की शानदार जीत से पार्टी और हाईकमान गदगद हैं और पिछला सबकुछ भूल चुके हैं।सत्ता का लालच और इन सारे बवालों की वजह से एक साल पहले तक बीजेपी खाली हाथ थी लेकिन इस बार मतदाताओं ने सब कुछ भुलाकर बीजेपी को अपनी भाग्य विधाता बना दिया है।खैर बीजेपी ने क्या किया,कांग्रेस ने क्या किया से ऊपर उठकर अब बीजेपी अपनी सरकार उत्तराखंड में बनाने जा रही। बीजेपी को मिले बहुमत से इतना साफ हो गया है कि उत्तराखंड की जनता ने बीजेपी को राज्य के विकास के लिए चुना है।

    18 मार्च सुनकर अभी तक सबके ज़हन में बुरी यादें थी लेकिन अगर एक बार फिर इस तारीख से आम जनता के बेहतरी के लिए कुछ ठोस कदम उठाएं जाऐंगे तो बुरी यादों के उपर अच्छी यादों के लिए कुछ जगह बनेगी और 18 तारीख हर किसी के लिए एक सकारात्मक तारीख की तरह याद रखा जाऐगा।