शिक्षा विभाग में गड़बड़झाला, छह उप शिक्षा अधिकारियों से स्पष्टीकरण तलब

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हरिद्वार। शिक्षकों के वेतन निर्धारण में हुई गड़बड़ी मामले में नैनीताल हाई कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा विभाग हरकत में आ गया है। विभाग ने जिले के सभी छह ब्लॉक के उप शिक्षाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है। हाई कोर्ट ने तीन सप्ताह में विभाग से प्रति शपथपत्र दाखिल करने को कहा था।
बता दें कि शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों तैनाती के वर्ष के हिसाब से जूनियर शिक्षकों को भी उनसे पूर्व में तैनात शिक्षकों के बराबर वेतनमान दे दिया था। विगत जनवरी माह में इस गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद शिक्षा विभाग ने 19 फरवरी 2018 में गलत वेतनमान का लाभ पाने वाले शिक्षकों से रिकवरी के आदेश जारी किए थे। विभाग के इस आदेश के खिलाफ कई शिक्षक नैनीताल हाई कोर्ट के शरण में चले गए थे। हाई कोर्ट ने तीन सप्ताह में विभाग से प्रति शपथ पत्र दाखिल करने को कहा था। विकास खंड स्तर पर शिक्षकों के वेतन निकालने की जिम्मेदारी उप शिक्षाधिकारी के होने के कारण प्रति शपथपत्र भी इन्हीं के द्वारा दिया जाना था। अधिकारियों के आदेश के बावजूद जिले के किसी भी उप शिक्षाधिकारी ने अभी तक प्रति शपथ पत्र दाखिल नहीं किया। हाई कोर्ट ने इस बात पर विभाग को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट की फटकार के बाद जिला शिक्षाधिकारी बेसिक ने लक्सर, खानपुर, नारसन, रुड़की, बहादराबाद व भगवानपुर विकासखंड के उप शिक्षाधिकारियों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण तलब किया है। उप शिक्षाधिकारी 15 दिसंबर को व्यक्तिगत तौर पर डीईओ कार्यालय में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देंगे। 6वें वेतन आयोग में 2006 से पहले के शिक्षकों को 17,140 तथा इसके बाद प्रमोशन या चयन वेतनमान पाने वाले शिक्षकों को 13,900 का वेतनमान दिया जाना था। लेकिन, विभाग ने प्रदेश में सभी को 17,140 का वेतनमान दे दिया। गड़बड़ी सामने आने पर हरिद्वार के लक्सर और देहरादून के चकराता विकासखंड में वेतनमान मानकों के तहत कम किया गया, लेकिन बाकी जगह अभी भी शिक्षक बढ़ा हुआ वेतनमान पा रहे हैं।