काशीपुर, बैंकों की देशव्यापी हड़ताल का असर आज काशीपुर में भी देखने को मिला। जहां बैंकों ने एकजुट होकर सभी बैंकों को बंद रखा और केंद्र सरकार की तानाशाही नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। काशीपुर में केंद्र सरकार द्वारा बैंकों पर थोपे जा रहे नए नियमों और कानून के खिलाफ आज बैंक कर्मचारी महाराणा प्रताप चौक के समीप स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा पर एकत्र हुए। जहां बैंक कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और केंद्र सरकार की तानाशाही नीतियों को वापस लेने की मांग की।
काशीपुर बैंक यूनियन के अध्यक्ष स्वतंत्र कुमार मल्होत्रा ने कहा कि, “बड़े शहरों में बैंक कर्मचारियों को शुरुआती तौर पर 25 हजार की तनख्वाह दी जाती है लेकिन काशीपुर के सर्वाधिक कर्मचारियों को मात्र ₹18000 की तनखा में ही संतुष्ट होना पड़ता है। केंद्र सरकार द्वारा बैंकों को आपस में मर्ज करने का भी बैंक कर्मचारियों ने विरोध किया।”
स्वतंत्र कुमार ने बताया कि, “बैंकों के बंद होने से काशीपुर में करीब 70 करोड रुपए का नुकसान हुआ है। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार बड़े-बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचा रही है जिससे देश में शराब व्यापारी जमकर पनप रहे हैं।”