पुल टूटने के बाद नींद से जागा प्रशासन, 229 पुलों का होगा पुननिर्माण

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देहरादून, राजधानी में कैंट थाना क्षेत्र के बीरपुर में लोहे का पुल टूटने के बाद प्रशासन नींद से जागा है। अब प्रदेशभर में पुराने और कमजोर पुलों का आवश्यकता अनुसार पुननिर्माण किया जाएगा। अपर सचिव डॉ. वी. षणमुगम ने बताया कि, “इस संबंध में संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ एक बैठक की गई थी। बैठक में लगभग 229 पुराने और कजोर पुलों का पुननिर्माण किये जाने पर चर्चा हुई थी। “

प्रदेश में विभिन्न सड़क मार्गों पर पूर्व से निर्मित पुलों की भार वहन क्षमता एवं चौड़ाई कम होने के कारण वर्तमान में यातायात घनत्व लोडिंग बढ़ाने के दृष्टिगत क्षेत्रों में दुर्घटना होने की संभावना बढ़ गई है। इसी के मद्देनजर आगामी दिनों में बढ़ते यातायात को दृष्टिगत रखते हुए बाह्य सहायतित एजेंसियों विश्व बैंक, एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक से वित्त पोषण का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। प्रथम चरण में लगभग 229 पुलों को इस परिधि में लिया जा रहा। उन्होंने बताया कि, “बैठक में अपर मुख्य सचिव (लोक निर्माण विभाग) ओम प्रकाश ने सभी मार्गों की डीपीआर तैयार किए जाने के निर्देश भी दिए है। योजना को मूर्त रूप लेने पर प्रदेश में दुर्घटनाओं को कम किए जाने के साथ-साथ आधुनिक तकनीक से बने पु​लों की निर्वाध उपलब्धता रहेगी। साथ ही इन पुलों को आपदा की दृष्टि से भी उपयुक्त सुरक्षित माना जा रहा।”

इन जिलों आवश्यकता अनुसार परिवर्तित किए जाएंगे पुल
प्रदेश में कुल 229 पु​ल को आवश्यकता अनुसार परिवर्तित किए जाने के लिए चयनित किया गया है। जिनमें अल्मोड़ा जिले में कुल 24 पुुल, इसी प्रकार देहरादून में कुल 08 पुल, पिथौरागढ़ जिले में 28 पुल, बागेश्वर जिले में 16 पुल, रुद्रप्रयाग में 13 पुल, चमोली जिले में 50 पुल, नैनीताल जिले में 19 पुल, टिहरी जिले में 19 पुल, चंपावत जिले में 04 पुल, पौड़ी गढ़वाल जिले में 24 पुल, उधम सिंह नगर जिले में 01 पुल, उत्तरकाशी जिले में 23 पुल अवश्यकता अनुसार परिवर्तित किए जाएंगे।