साल 2018 में एसडीआरएफ के सफर पर एक नज़र

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माउंट एवरेस्ट पर्वतारोहण अभियानः एसडीआरएफ उत्तराखंड पुलिस माउंटेनियरिंग टीम के साल 2015 में मिशन भागीरथी, एवं वर्ष 2017 में शिखर सतोपंथ में सफल आरोहण के बाद अपना अगला लक्ष्य एवरेस्ट को चुना ।जिस क्रम में 29 मार्च 2018 को आयोजित फ्लेग समारोह में त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री उत्तराखंड ने राष्ट्रीय ध्वज के साथ ही, उत्तराखंड पुलिस के ध्वज को अनिल रतूड़ी पुलिस महानिदेशक, उत्तराखंड के सुपर्द कर, दल की कमान संजय गुंज्याल पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ के सुपर्फ की गई । एवं साथ ही 15 सदस्यीय उत्तराखंड पुलिस दल को हरी झंडी दिखा एवरेस्ट आरोहण के लिये रवाना किया ।

गोहरीमाफी रायवाला रेस्क्यू अभियानः  4 अगस्त 2018 की रात अतिवृष्टि के कारण गोहरी माफी गांव रायवाला जनपद देहरादून बाढ़ग्रस्त हो गया । अनहोनी की आशंका से तत्काल ही एसडीआरएफ फ्लड टीम को ऋषिकेश से घटनास्थल को रवाना किया गया, साथ ही जौलीग्रांट देहरादून से एक अलर्ट टीम को भी सहायता के लिये तत्काल प्रस्थान कराया गया। खराब मौसम के मध्य लगभग 1 सप्ताह तक चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन में सैकड़ों ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया गया, साथ ही गांव में रसद एवं अन्य आवश्यक सामग्री की आपूर्ति राफ्ट के माध्यम से कराई गई।

50 वर्ष पूर्व 1968 में लापता हुए विमान के अवशेष एवं एक चालक दल सदस्य के क्षत विक्षत शव सबको माउंटेन टीम ने खोज निकाला, टीम में  जवान कांस्टेबल राजेंद्र सिंह नाथ भी सम्मिलित थे।

1 जुलाई 2018 को आईआईऍम की 11 सदस्यीय पर्वतारोही टीम चंद्रभागा 13 (ऊंचाई 6264 मीटर) पर्वत शिखर पर आरोहण हेतु उच्च हिमालय के मंडी, रोहतांग, पास ,छतरू ,कुंजुम लाटोप चन्द्राताल , ढाका ग्लेशियर जैसे उच्च तुंगतात्मक क्षेत्रों से रवाना हुई। टीम के द्वारा सफल शिखर आरोहण के पश्चात बेसकैंप को पॉलिथीन मुक्त करने के दौरान टीम की नजर बर्फ में पड़े एक क्षत विक्षित शव ओर विमान के अवशेष पर पड़ी , दल को इस प्रकार के विमान हादसे की जानकारी पूर्व से थी इसलिए यह समझने में देर नही लगी कि यह वही लापता अभिमान है। 1968 में एक वायुसेना के विमान ने चार विमान कर्मी और 98 सैन्यकर्मी लेकर में से कुल 102 लोगों ने चंडीगढ़ से लेह के लिए उड़ान भरी थी । दल का कंट्रोल से आखरी संपर्क रोहतांग दर्रे के करीब हुआ था पर्वतारोही दल के द्वारा ए एन-12 विमान और शव संबंधी सूचना सेना एवं निम को उपलब्ध कराई गई जिस आधार पर अन्य शवों को तलाशने का काम शुरु किया गया।

पटना में खोजी अभियानः पटना बिहार में हुई सड़क दुर्घटना में एक सवार के स्कॉर्पियो सहित गंगा नदी में डूब जाने की घटना पर बिहार प्रशासन द्वारा एसडीआरएफ उत्तराखंड से सहायता मांगी गई थी। यह पहली बार था कि एनडीआरएफ एवं इंडियन नेवी के मौके पर मौजूद होने के उपरांत भी किसी प्रदेश द्वारा एसडीआरएफ उत्तराखंड पुलिस से सहायता मांगी गई थी, जिस पर उपनिरीक्षक कविंद्र सिंह सजवाण के हमराह 4 सदस्यीय टीम पटना के लिए रवाना हुई थी।वं अत्याधुनिक खोजी उपकरण सोनार के माध्यम से गंगा के प्रबल प्रवाह में अपना खोजी रेस्क्यू ऑपरेशन आरंभ किया लगभग 2 सप्ताह तक चले। इस दौरान एसडीआरएफ दल ने  वहां वाहन के संकेतों को अप्रत्यक्ष रूप से प्राप्त किया था परंतु गंगा के विकट प्रवाह एवं लगभग 40 फीट गहराई से बिहार प्रशासन के वाहन को खींचने की असमर्थता के कारण खोज का प्रत्यक्ष प्रमाण प्राप्त नहीं हो पाया। गठन के मात्र 5 वर्ष के बाद ही समर्थ एवं शीर्ष रेस्कयू बलों की मौजूदगी में एसडीआरएफ द्वारा खोजी अभियान में अपने सामर्थ्य का परिचय देना स्वयं में गर्व का विषय है।

यमुनोत्री रेस्कयूः यमुनोत्री घाटी में बादल फटने एवं अतिवृष्टि से जनसैलाब के कारण मुख्य पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया एवं अन्य वैकल्पिक मार्ग अवरुद्ध हो गए विपरीत मौसम में एसडीआरएफ द्वारा सारथी की भूमिका को निभाते हुए सैकड़ों फंसे हुए श्रद्धालुओं को रोप लेदर , बर्मा ब्रिज एवम रोप के माध्यम से सकुशल निकाल कर अपने गंतव्य की ओर अग्रसर किया गया ।

अमेरिकन ट्रैकर का रेस्क्यूः दिनांक 29 सितंबर 2018 को समय लगभग 845 बजे एसडीआरएफ टीम बद्रीनाथ को सूचना प्राप्त हुई की एक घायल व्यक्ति वसुधारा ट्रेक पैदल दूरी लगभग 6 किलोमीटर में गंभीर अवस्था में है। टीम द्वारा तत्काल ही आवश्यक रेस्कयू उपकरणों सहित एसडीआरएफ एस आई अर्जुन सिंह के हमराह 7 जवान एवं पैरामेडिक्स सहित ट्रैक के लिए रवाना हुए। लगभग 6 किलोमीटर पैदल दूरी तय करने के पश्चात ट्रेकर तक पहुंचे एवं तत्काल ही प्राथमिक उपचार दिया गया ट्रैक्टर द्वारा Jeffrey Keith को प्राथमिक चिकित्सालय बद्रीनाथ लाया गया। जहां ट्रैकर द्वारा आभार व्यक्त किया गया , उपरोक्त घटना के पश्चात दिल्ली अमेरिका दूतावास में तैनात अधिकारी marykay Carlson के द्वारा मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड को ट्वीट कर उत्तराखंड पुलिस और एसडीआरएफ का धन्यवाद अदा किया।  साथ ही इसे भारत अमेरिकी दोस्ती का एक अहम पहलू भी करार दिया।

सावनी अग्निकाण्डः उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद के मोरी ब्लॉक सावनी गांव में हुए भीषण अग्निकांड में गांव के लगभग 40 परिवार प्रभावित हुए, जिनके मकान पूर्ण /आंशिक रूप से जल चुके थे जिससे गांव में दहशत व्याप्त हो रहा था। 7 किलोमीटर पैदल एसडीआरएफ टीम ने गांव वालों के रहने के लिये वैकल्पिक स्थानों का चयन कर, प्रत्येक परिवार को टेंट की व्यवस्था की गई, एसडीआरएफ टीम राहत एवं बचाव कार्य के लिये 5 दिन प्रभावित गांव में रही एवं प्रशासन द्वारा भिजवाई गई राहत सामग्री वितरण में सहयोगी भूमिका में रही।

चटवा पीपल कर्णप्रयागः दिनांक 26 मार्च 2018 को( पुलिस थाना कर्णप्रयाग, जनपद चमोली से ) सूचना मिलने पर की गोचर कर्णप्रयाग मार्ग पर चकवा पीपल नामक स्थान पर एक अल्टो कार अनियंत्रित होकर लगभग 150 मीटर गहरी खाई में दुर्घटनाग्रस्त हुई है।  सूचना पर एसडीआरएफ टीम तत्काल रेस्क्यू कार्रवाई करते हुए राहत एवं बचाव कार्य आरंभ किया टीम के सदस्य आरक्षी शक्ति सिंह के द्वारा व्यक्तियों के जीवित होने की संभावना को देखते हुए अपनी जान जोखिम में डालकर अदम्य साहस का परिचय करते हुए 150 मीटर गहरी खाई में नदी के ठीक ऊपर खून से लथपथ दो व्यक्तियों को देखा गया  तथा रोप रेस्कयू की मदद से घायलों को निकालने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

सुननगर भटवाड़ीः 5 अक्टूबर 2018 को समय 1612 बजे क्योंकि भटवाड़ी द्वारा एसडीआरएफ को सूचना दी गई। सुननगर भटवाड़ी के पास एक टेंपो ट्रैवलर गहरी खाई में गिर गया है इस सूचना पर भटवाड़ी एवं उजेली में व्यवस्थापित टीमों ने तत्काल ही घटनास्थल घटनास्थल पर पहुंचकर सर्चिंग एवं रेस्क्यू कार्य प्रारंभ किया गया। खोज एवं बचाव कार्य के दौरान सर्वप्रथम टीम ने  150 मीटर गहरी खाई में गिरे वाहन से पांच घायल व्यक्तियों को रेस्क्यू कर सड़क मार्ग चलाया गया। इसके उपरांत रेस्क्यू टीम द्वारा दो मृत व्यक्तियों को जो गाड़ी के अंदर फंसे हुए थे वाहन को उपकरणों से काटकर निकाला गया । विषम परिस्थितियों में हुए इस रेस्क्यू कार्य की स्थानीय नागरिकों एवम प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा सराहना की गई।