देहरादून, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड के बजट पर निराशा जताई है। उन्होंने कहा कि यह बजट जनता को कम, भाजपा सरकार को ज्यादा लाभ पहुंचाएगा। यही कारण है बजट में तथ्य कम, उलटफेर ज्यादा है। इससे राज्य की जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है। पत्रकारों से बातचीत में रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बजट में राज्य के हर वर्ग की उपेक्षा की है।
रावत ने कहा, पूराने प्रस्ताव ही लागू किए गए हैं। बजट में केवल पूर्ववर्ती सरकार की योजनाओं को दीन दयाल उपाध्याय योजना के नाम से जोड़ दिया गया है। सरकार की गलत नीतियों से राज्य की जनता का भाजपा से मोहभंग हो रहा है। उन्होंने गैरसैण राजधानी सहित अन्य मसलों पर सरकार के उदासीन रवैये पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री किस आधार पर बजट को जनोन्मुखी बता रहे हैं, यह हजम नही हो रहा है।
कांग्रेस महासचिव रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रोथ रेट बढ़ने की बात कह रही है लेकिन हर सेक्टर में ग्रोथ रेट नीचे है। यह सरकार कांग्रेस के समय की योजनाओं को बजट आवंटन न करके उन्हें खत्म करना चाह रही है।
हरीश रावत ने कहा, कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बेरोजगार पंजीकृत युवकों की संख्या घटकर ढाई प्रतिशत हो गई थी। वर्तमान सरकार में यह नौ प्रतिशत हो गई है। इस समय राज्य में नौ लाख पंजीकृत बेरोजगार हैं। ऐसे में कैसे माना जाए कि वर्तमान सरकार में विकास हो रहा है।
उन्होंने प्रदेश में क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट पर सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पूर्व सरकार ने ऐसा मसहूस किया था कि इस एक्ट से छोटे अस्पतालों को लाभ मिलेगा, लेकिन वर्तमान सरकार बड़े चिकित्सालयों को लाभ पहुंचाने के लिए कार्य कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने जीरो टॉलरेंस और लोकायुक्त के मुद्दे पर त्रिवेन्द्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाए।
हरीश रावत ने मंत्री धन सिंह रावत पर चुटकी लेते हुए कहा कि, ‘रावत लोग बहुत चालाक होते हैं। उनकी चालाकी सहकारिता में दिख रही है।‘ उन्होंने पुलवामा हमले पर कहा कि, “देश, सरकार और रक्षा के नाम पर सियासत ठीक नही है, लेकिन राजनीति व सरकार के कार्य पर बहस होना चाहिए। रावत ने कहा, कांग्रेस मंदिर विरोधी नहीं है। राम मंदिर सबकी राय से बनना चाहिए। पाकिस्तान का पानी बंद करने की घोषणा जुनावी जुमला है।”